सेंचुरियन। भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने अफ्रीका के खिलाफ पांच विकेट लेने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में अपने 200 विकेट पूरे कर लिए हैं। शमी यह कारनामा करने वाले पांचवें भारतीय गेंदबाज हैं। यह खास कीर्तिमान बनाने के बाद शमी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया है। उन्होंने बताया कि उनके पिता के संघर्ष के बिना उनका सपना पूरा नहीं हो पाता।
सेचुरिय में खास रिकॉर्ड बनाने के बाद शमी ने बताया कि उनके पिता उन्हें 30 किलोमीटर तक साइकिल में बैठाकर ले जाते थे ताकि वो अपना सपना पूरा कर सकें। 31 साल के शमी ने अफ्रीका के बल्लेबाजों को खासा परेशान किया और पांच विकेट भी अपने नाम किए। उन्होंने एडेन मारक्रम को जिस गेंद पर आउट किया, उसे खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होता। शमी की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने अफ्रीका को 197 रनों पर रोका और 130 रन की अहम बढ़त ली।
शमी के गांव में नहीं थी सुविधाएं
मोहम्मद शमी ने बताया कि उनके गांव सहसपुर में ऐसी सुविधाएं नहीं थी, जिनके दम पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर बना जा सके। ऐसे में उनके पिता रोज उन्हें 30 किलोमीटर तक साइकिल में बैठाकर ले जाते थे। ताकि उनका बेटा अपना सपना पूरा कर सके। साल 2017 में शमी के पिता का निधन हो गया था। उनको याद करते हुए शमी ने कहा “मैं आज जो कुछ भी हूं अपने पिता की वजह से हूं। मैं ऐसे गांव से आता हूं, जहां ज्यादा सुविधाएं नहीं है। आज भी वहां कोई सुविधा नहीं है। उस समय भी मेरे पिता रोज मुझे साइकिल में बैठाकर 30 किलोमीटर दूर कोचिंग कैंप तक ले जाते थे और मुझे वह संघर्ष आज भी याद है। उन्होंने उस समय उन हालातों में मेरे ऊपर निवेश किया और मैं हमेशा उनका ऋणी रहूंगा।”
टेस्ट क्रिकेट कोई रॉकेट साइंस नहीं
शमी ने टेस्ट में 200 विकेट पूरे करने के बाद कहा कि टेस्ट क्रिकेट कोई रॉकेट साइंस नहीं है। अगर आप टेस्ट के स्तर के गेंदबाज हैं तो आपको पता होना चाहिए कि किस लेंथ में गेंदबाजी करनी है और हालातों का अंदाजा होना चाहिए। आपको हालातों के हिसाब से अपनी गेंदबाजी में बदलाव करना आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी खिलाड़ी यह नहीं सोच पाता है कि वो भविष्य में क्या करने वाला है। भारत के लिए खेलना ही आपका सपना होता है। मेहनत करना आपके हाथ में है और जब आप मेहनत करते हैं तो आपको मनमुताबिक नतीजे भी मिलते हैं।
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