रेलवे को लेना पड़ा यू-टर्न, अब पेंट्री कार हटाकर फिर जनरल कोच लगाएंगे
इंदौर। पश्चिम रेलवे (Western Railway) ने इंदौर (Indore) से चलने वाली आठ ट्रेनों में सितंबर से पेंट्री कार सुविधा तो शुरू कर दी, लेकिन जब ट्रेनों में कोच लगे तो पता चला कि यात्रियों को खाना-नाश्ता बांटने वाले सर्विस प्रोवाइडर ही नहीं हंै। प्रोवाइडर (Provider) का इंतजाम आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन) करता है, लेकिन रेलवे ने समन्वय नहीं किया। ट्रेनें एक-एक फेरा लगा चुकी हैं, जिनमें पेंट्री कार होने के बावजूद यात्रियों को खाना नहीं मिल सका।
जब रेलवे अफसरों को इस गंभीर खामी की भनक लगी तो 5 सितंबर को पश्चिम रेलवे मुख्यालय से पेंट्री कार हटाने के आदेश निकाले और इसकी जगह पहले की तरह जनरल कोच लगाने के निर्देश दिए। मामला इंदौर-अमृतसर, इंदौर-चंडीगढ़, इंदौर-हावड़ा, इंदौर-पटना (दोनों ट्रेन), इंदौर-गांधीधाम और इंदौर-ऊधमपुर एक्सप्रेस ट्रेनों से जुड़ा है। इनमें 1 से 4 सितंबर के बीच एक-एक जनरल कोच हटाकर पेंट्री कार के कोच जोड़े गए थे। इस गड़बड़ी से एक फेरे में सामान्य श्रेणी के यात्रियों को एक कोच कम मिला, बल्कि पेंट्री कार के खाली कोच जबरन इधर से उधर घूमते रहे।
रेलवे खुद भी कर सकता है अस्थायी इंतजाम
जानकारों का कहना है कि जब तक आईआरसीटीसी इन महत्वपूर्ण ट्रेनों में पेंट्री कार सर्विस प्रोवाइडर का इंतजाम नहीं कर लेता, तब तक रेलवे भी अस्थायी रूप से दूसरी ट्रेनों में सेवाएं दे रहे प्रोवाइडर की सेवा ले सकता है।
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