नई दिल्ली (New Dehli)। संसद हमले (parliament attack)की बरसी के मौके पर संसद(Parliament) भवन की सुरक्षा (Security)में चूक का एक बड़ा मामला (Case)सामने आया है। लोकसभा (Lok Sabha)की कार्यवाही (Proceeding)के दौरान दर्शक दीर्घा से दो युवक सदन में कूद गए। यहां उन्होंने हंगामा किया। सिख्स फॉर जस्टिस के जनरल काउंसिल और आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू ने इसमें शामिल “विद्रोहियों” के लिए 10 लाख रुपये की कानूनी सहायता की घोषणा की है। पन्नू ने कहा, “संसद की नींव 13 दिसंबर को हिल गई और खालिस्तान जनमत संग्रह के लिए मतदाता रजिस्ट्रेशन की शुरुआत के साथ हिलती रहेगी।”
आपको बता दें कि पन्नू ने हाल ही में वीडियो संदेश जारी कर संसद पर हमले की धमकी जारी की थी। हालांकि, अभी तक सभी छह आरोपियों और खालिस्तान मूवमेंट के बीच कोई संबंध की बात सामने नहीं आई है। पन्नू ने धमकी भरे वीडियो में 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु का पोस्टर और ‘दिल्ली बनेगा खालिस्तान’ शीर्षक देते हुए कहा था कि भारतीय एजेंसियों द्वारा उसे मारने की साजिश विफल हो गई। वह 13 दिसंबर या उससे पहले संसद पर हमला करके इसका जवाब देगा।
याद आया 22 साल पुराना मंजर
लोकसभा की दर्शक दीर्घा से दो युवकों के सदन के पटल पर कूदकर दहशत फैलाने की घटना ने इसी दिन 22 वर्ष पहले हुए हमले की याद दिला दी। जो संसद सदस्य 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले के दौरान और बुधवार की घटना के दौरान मौजूद थे उन्होंने आपबीती सुनाई। उनका कहना है कि दोनों घटनाएं अलग हैं पर एक ही दिन होने की वजह से 22 वर्ष पहले का मंजर आंखों के सामने तैर गया।
क्या-क्या हुआ?
आपको बता दें कि बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल समाप्ति की ओर था। सांसद खगेन मुर्मु अपना मुद्दा उठा रहे थे। राजेंद्र अग्रवाल सभा का संचालन कर रहे थे। तभी अचानक दर्शक दीर्घा से एक दर्शक सदन में कूद गया और सांसदों की टेबलों के ऊपर से आगे बढ़ा। हतप्रभ अग्रवाल ने सदन स्थगित कर दिया। सांसदों ने भी इस घटना को देख दर्शक को घेर लिया और उसकी जमकर धुनाई की। तभी एक और युवक दर्शक दीर्घा की रेलिंग से लटक कर सदन के अंदर कूदा और तेजी से गैलरी से सदन के बीच की ओर दौड़ पड़ा। उसे कांग्रेस के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने पकड़ कर पिटाई की। दोनों युवकों ने हाथापाई के बीच अपने जूतों और मोजों से कोई स्प्रे निकाल कर फैला दिया, जिससे सदन में पीला धुआं और बदबू फैल गई। उस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सदन में थे।
खूब लगाए नारे
इससे आधिकारिक दीर्घा में भी खलबली मच गई। तब तक सुरक्षाकर्मी अंदर आए और दोनों को पकड़कर ले गए। लेकिन जाते-जाते भी सांसदों ने दोनों की धुनाई की। बाद में इनकी पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन के रूप में हुई। इन दोनों ने तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए। सांसदों से कहा कि वह किसी को नुकसान पहुंचाने नहीं आए हैं। दोनों मैसुरु के सांसद प्रताप सिम्हा के पास पर सदन में आए थे।
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