भोपाल। पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा की कार्यप्रणाली की वजह से मप्र सरकार और सत्ताधारी दल भाजपा की जमकर किरकिरी हो गई है। एक चुनाव याचिका पर ओपन कोर्ट में सुनवाई के दौरान मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सख्त लहजे में कहा कि पन्ना के कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा राजनीतिक एजेंट की तरह कार्य कर रहे हैं। लिहाजा, उन्हें पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। उनके रवैये से ऐसा जाहिर हुआ है कि उन्हें नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत पर भरोसा नहीं है और मनमानी ही उनका आचरण है। हाईकोर्ट ने पन्ना कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। हाई कोर्ट ने कलेक्टर पन्ना संजय कुमार मिश्रा को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न भविष्य में उन्हें चुनाव से जुड़े इस तरह के गंभीर प्रकरणों की सुनवाई से अलग रखा जाए। क्यों न ऐसी अनुशंसा भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं को भी प्रेषित की जाए। कलेक्टर इस सिलसिले में व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण पेश करें। इसके लिए वे आगामी 17 अगस्त को कोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत रूप से हाजिर हों। आगामी आदेश तक कलेक्टर द्वारा चुनाव याचिका पर दिए फैसले पर रोक लगाई जाती है।
ये है मामला
पन्ना की गुन्नौर जनपद पंचायत में उपाध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस समर्थक परमानंद शर्मा को 13 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी समर्थक रामशिरोमणि मिश्रा को 12 वोट मिले थे। निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा को जनपद उपाध्यक्ष की जीत का सर्टिफिकेट दे दिया, लेकिन हारे उम्मीदवार बीजेपी नेता रामशिरोमणि मिश्रा ने एक वोट के बैलेट पेपर पर स्याही बीच में लगी होने के चलते कलेक्टर के पास अपील की। कलेक्टर ने वोट निरस्त कर दोनों प्रत्याशियों के बराबर 12-12 वोट कर अगले दिन पर्ची उठवाकर चुनाव कराया। इसमें रामशिरोमणि मिश्रा के नाम की पर्ची निकली और वे उपाध्यक्ष बन गए। कांग्रेस नेता ने इस पर आपत्ति जताते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved