डेस्क। पंकज उधास एक ऐसी शख्सियत हैं, जिनका जिक्र होते ही हर किसी के मन में गजलें और प्यार भरे गाने आ जाते हैं। उनकी गजलें हर किसी के बेचैन मन को पल भर में शांत कर देने का काम करती हैं और उनके द्वारा गाए हुए प्यार भरे गाने सीधा दिल में उतर जाते हैं। उनकी गजलों और गानों की लिस्ट अगर खोली जाए तो काफी लंबी है।
उनके सदाबहार गानों में ‘चिट्ठी आए न संदेश’, ‘न कजरे की धार’, ‘आदमी खिलौना है’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’ समेत कई गाने शामिल हैं। अपने बेहतरीन काम के लिए साल 2006 में पंकज उधास को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। लेकिन क्या आपको पता है, इसके पीछे भी एक मजेदार कहानी है। आज पंकज अपना 71वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए इस खास मौके पर हम आपको पद्मश्री से जुड़ा उनका किस्सा बताते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पंकज उधास को जब पद्मश्री देने का एलान हुआ था, तब उन्हें इस बारे में जानकारी ही नहीं थी। इतना ही नहीं, जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने पंकज उधास से पद्मश्री से जुड़ा सवाल किया था, तब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री की बात को अनदेखा कर दिया था। ये बात खुद सिंगर ने बताई थी। उन्होंने बताया था कि उनके गानों को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख भी पसंद करते थे। एक दिन उन दोनों की मुलाकात एक समारोह में हुई। इस समारोह में पंकज उधास ने परफॉर्म किया था और इसके बाद ही उनकी मुलाकात पूर्व मुख्यमंत्री से स्टेज के पीछे हुई थी।
इस मुलाकात में दोनों के बीच थोड़ी बातचीत हुई। इसी मौके पर विलासराव ने पंकज को बताया था कि वह उनके बड़े प्रशंसक हैं। इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने पंकज से ये भी पूछ लिया था कि क्या आपको पद्मश्री मिला है? पूर्व मुख्यमंत्री की इस बात का पंकज ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद दोनों की बातचीत भी खत्म हो गई। इसी बीच की बात है जब पंकज उधास ने अपने करियर के 25 साल पूरे किए थे और वह कुछ संस्थाओं के साथ जुड़कर कैंसर पीड़ितों की मदद कर रहे थे।
पंकज उधास को पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा साल 2006 में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हुई थी। इस खबर के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में जब उन्हें उनके दोस्त ने बधाई देने के लिए फोन किया तो वह भी हैरान रह गए। पंकज ने जब अपने दोस्त से पूछा कि किस बात की बधाई? तब उस दोस्त ने बताया कि आपको पद्मश्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा हुई है। इस खबर को सुनने के बाद पंकज की खुशी का ठिकाना नहीं था।
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