नई दिल्ली। बिजली की रफ्तार से फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ (Coronavirus New Variant Omicron) ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। यही वजह है कि अधिकतर देशों ने दक्षिणी अफ्रीका (southern Africa) से यात्रा को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) द्वारा चेतावनी दी गई थी कि ‘ओमिक्रॉन’ अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक तेजी से फैल सकता है और इससे पुन: संक्रमण हो सकता है, जिसके बाद ये एहतियाती उपाय किए गए।
वैज्ञानिकों का कहना है कि ‘ओमिक्रॉन’ वेरिएंट कई बार उत्परिवर्तन (Mutations) का नतीजा है। कोविड के अधिक संक्रामक स्वरूप बी.1.1.1.529 के बारे में पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका की ओर से WHO को सूचित किया गया था। इसके बाद बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, इजरायल और ब्रिटेन में भी इसकी पहचान की गई है।
डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर को इसे ‘चिंताजनक’ स्वरूप (Variant of Concern) बताते हुए ओमिक्रॉन नाम दिया। ‘चिंताजनक स्वरूप’ डब्ल्यूएचओ की कोरोना वायरस के ज्यादा खतरनाक स्वरूपों की शीर्ष श्रेणी है। कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को भी इसी श्रेणी में रखा गया था।
दक्षिण अफ्रीका के यात्रियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले देशों में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन शामिल थे। अमेरिका ने कहा कि वह सोमवार से दक्षिण अफ्रीका और पड़ोसी देशों से यात्रा को प्रतिबंधित करेगा। कनाडा ने कहा कि वह ब्रिटेन, यूरोप और अन्य देशों द्वारा घोषित उड़ानों पर प्रतिबंध के बाद उन देशों के लिए अपनी सीमाओं को भी बंद कर रहा है।
भारतीय राज्यों ने भी दिखाई सख्ती
इसी नक्शे-कदम पर चलते हुए भारत के कई राज्यों ने भी दक्षिण अफ्रीका के यात्रियों के लिए क्वारंटाइन के नियम निर्धारित किए है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि कोरोन वायरस की वजह से पिछले 20 माह से निलंबित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 15 दिसंबर से फिर से शुरू होंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ‘जोखिम में’ समझे जाने वाले देशों को उनकी पूर्व-कोविड तय उड़ानों का केवल एक निश्चित प्रतिशत संचालित करने की अनुमति होगी।
महाराष्ट्र
कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ के कारण दुनियाभर में व्याप्त चिंता के बीच महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) का पालन नहीं करने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने की घोषणा की। आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि विदेश से आने वाले सभी यात्रियों को केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार नियंत्रित किया जाएगा, जबकि राज्य में आने वाले घरेलू यात्रियों का या तो टीकाकरण किया जाएगा या उन्हें संक्रमित न होने की 72 घंटे पहले की रिपोर्ट दिखानी होगी।
मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के यात्रियों को पृथक कर उनके नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जाएंगे। सरकार द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सीएबी का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे संगठन के परिसर में सीएबी का उल्लंघन करता है, जहां यह लागू है तो उसपर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
दिशा-निर्देशों के अनुसार यदि कोई संगठन स्वयं सीएबी का पालन करने में विफल रहता है, तो उसे 50,000 रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा, और नियमों का बार-बार उल्लंघन करने पर महामारी के दौरान उसे बंद कर दिया जाएगा. निजी टैक्सी या सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में नियमों का उल्लंघन करने पर 500 रुपये का जुर्माना होगा, जबकि परिवहन एजेंसी के मालिक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अधिसूचना में कहा गया है कि सार्वजनिक परिवहन के किसी भी साधन का उपयोग करने के लिए पूर्ण टीकाकरण अनिवार्य होगा।
गुजरात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ‘खतरे’ की श्रेणी में डाले गए देशों से आने वाले उन यात्रियों को गुजरात पहुंचने के बाद कोविड-19 संक्रमण की जांच करवानी होगी जिन्होंने पूर्ण टीकाकरण नहीं कराया है. कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ के सामने आने पर दुनिया भर में फैली चिंता के बाद नौ देशों को ‘खतरे’ की श्रेणी में डाला गया है. राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) मनोज अग्रवाल ने कहा, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक पत्र के अनुसार, आने वाले जिन यात्रियों के पास टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं होगा उनके लिए आरटी पीसीआर जांच करवाना अनिवार्य होगा.” अग्रवाल ने कहा कि जिन्हें टीके की दोनों खुराक मिल चुकी है, हवाई अड्डे पर उनकी भी जांच होगी और संक्रमण के लक्षण नहीं दिखने पर उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
दिशा निर्देशों में कहा गया है कि ‘खतरे’ की श्रेणी वाले देशों से आने वाले यात्रियों ने टीके की दोनों खुराक ली है तो उन्हें आगमन के बाद 14 दिन तक पृथक-वास में रहना होगा. टीके की एक खुराक ले चुके यात्रियों या एक भी खुराक नहीं लेने वाले यात्रियों को कोविड-19 जांच के लिए नमूने देने होंगे. ऐसे यात्रियों को घर पर सात दिन के लिए पृथक-वास में रहना होगा और भारत पहुंचने के आठवें दिन एक और जांच करानी होगी।
केरल सरकार ने एहतियात बरतने का आग्रह किया
केरल सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस के नये स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ की विदेशों में मौजूदगी के मद्देनजर राज्य में निगरानी कड़ी कर दी गई है, लेकिन फिलहाल के लिए राज्य में इसे लेकर चिंता की कोई बात नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा कि राज्य केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी एहतियाती कदम उठा रहा है और सभी हवाई अड्डों पर निगरानी प्रक्रिया मजबूत की जाएगी. उन्होंने सभी से कोविड दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का आग्रह करते हुए यह भी कहा कि जिनको टीका नहीं लगा है उन्हें जल्द से जल्द टीका लगवा लेना चाहिए।
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