अदिस अबाबा। भारत के एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन(AstraZeneca Corona Virus Vaccine) का निर्यात (Export) रोकने से अफ्रीकी देशों (African Countries) में चिंताएं बढ़ गई हैं। संयुक्त राष्ट्र (UN) समेत कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों (Health Experts) ने चेतावनी दी है कि भारत के इस फैसले से अफ्रीका में टीकाकरण (Vaccination in Africa) के लिए चलाए जा रहे अभियान प्रभावित हो सकते हैं। गुरुवार को अफ्रीकी महाद्वीप के रोग नियंत्रण निकाय के प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा कि इसके विनाशकारी परिणाम सामने आ सकते हैं।
भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन का उत्पादन करता है। भारत पहले ही इस कंपनी में बनाए गए कोरोना वैक्सीन के कई करोड़ डोज दुनियाभर के 50 से अधिक देशों को निर्यात कर चुका है। अब देश में बढ़ती मांग और कोरोना टीकाकरण अभियान को तेज करने के लिए सरकार ने विदेशों को वैक्सीन का निर्यात अस्थायी तौर पर निलंबित किया हुआ है। इसी बात को लेकर अफ्रीका में हाहाकार मचा हुआ है। अफ्रीका सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक जॉन नेकेंगसॉन्ग ने इथोपिया की राजधानी अदिस अबाबा में बताया कि यह निश्चित रूप से लोगों को लगातार टीकाकरण करने की हमारी क्षमता को प्रभावित करेगा। अफ्रीकी संघ ने वर्ष के अंत तक महाद्वीप की आबादी का 30 से 35 फीसदी लोगों के टीकाकरण करने की योजना बनाई थी। हालांकि, अब वैक्सीन की आवक कम होने पर उन्होंने कहा कि इस देरी से हमारा लक्ष्य चूक सकता है। अफ्रीकी देश घाना को मई के अंत तक COVAX के माध्यम से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के 24 लाख डोज मिलने थे। लेकिन, इसे अबतक केवल 6 लाख डोज ही मिल पाया है। घाना के वैक्सीन अभियान के प्रमुख क्वामे अम्पोसा-अचियानो ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि अब वैक्सीन के अधिक डोज जून तक पहुंच पाएंगे। अफ्रीका में कोरोना टीकाकरण अभियान में शामिल एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि क निर्माता पर इतना भरोसा होना एक बड़ी चिंता का विषय है। अफ्रीकी यूनियन का 2021 के अंत तक 30 से 35 फीसदी आबादी को टीकारण करने का लक्ष्य COVAX वैक्सीन शेयरिंग फैसिलिटी पर ही निर्भर है। जिसके जरिए इस महाद्वीप में बसे कई गरीब देशों के साथ कुल 64 देशों को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से वैक्सीन दी जाएगी। COVAX का लक्ष्य अफ्रीकी देशों को उनकी आबादी का कम से कम 20 फीसदी टीकाकरण के लिए पर्याप्त शॉट्स प्रदान करना है। अफ्रीकी देशों में अबतक 42 लाख 50 हजार से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 112,000 लोगों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तविक संख्या इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है। क्योंकि, अधिकतर अफ्रीकी देशों में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। बड़ी संख्या में ऐसे केस भी हैं जिन्हें सरकारों ने दर्ज तक नहीं किया है।