
- पाकिस्तान से वीजा के आधार पर आकर इंदौर में रह रहे नागरिक घबराए
- एडीएम कार्यालय पर लग गई सिंधी समाज जनों की भीड़
इंदौर। कश्मीर (Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में आतंकवादियों (Terrorists) के द्वारा किए गए हमले की घटना के बाद भारत सरकार (Government of India) ने जो कड़े कदम उठाने का ऐलान किया है उससे इंदौर के सिंधी समाज (Sindhi Society) में हडक़ंप मच गया है। पाकिस्तान (Pakistan) से वीजा के आधार पर भारत आने के बाद इंदौर में रह रहे नागरिक घबरा रहे हैं। कल एडीएम कार्यालय पर सिंधी समाज जनों की भीड़ लग गई।
भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ जो फैसले लिए गए हैं उनमें एक फैसला यह भी है कि पाकिस्तान के जो नागरिक वीजा के आधार पर भारत में आकर रह रहे हैं, ऐसे सभी नागरिकों को एक मई तक भारत छोड़ देने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा घोषित किए गए इस निर्देश से पूरे देश में हडक़ंप मच गया है। यह हडक़ंप खास तौर पर सिंधी समाज में मचा है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहने वाले सिंधी समाज के नागरिक वहां होने वाले अत्याचार से पीडि़त होकर वीजा लेकर भारत में आते हैं और फिर बड़ी संख्या में नागरिक वापस पाकिस्तान नहीं जाते हुए यहीं पर रुक जाते हैं। ऐसे नागरिकों को भारत में रहते हुए जब 8 साल का समय हो जाता है तो फिर उसके बाद में उनके द्वारा भारत की नागरिकता लेने के लिए आवेदन किया जाता है। इससे कम अवधि में नागरिकता का आवेदन नियमानुसार नहीं किया जा सकता है। अब जब पहलगाम की घटना के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री के द्वारा वीजा के आधार पर भारत में आए सभी नागरिकों को वापस पाकिस्तान लौट जाने का फरमान सुनाया गया है। इस फरमान से इंदौर में रह रहे सिंधी समाज के नागरिकों में हडक़ंप मच गया है। यह नागरिक भी वीजा के आधार पर इंदौर में रह रहे हैं। इंदौर कलेक्टर कार्यालय में एडीएम रोशन राय के कार्यालय में कल सिंधी समाज के बहुत से नागरिक पहुंचे। इन नागरिकों ने भारत सरकार के द्वारा की गई घोषणा के परिपेक्ष में अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाही। इनमें से कोई भी नागरिक वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहता है। इन लोगों का कहना है कि इंदौर में इस तरह के 7000 से ज्यादा सिंधी समाज के नागरिक हैं जो की वीजा के आधार पर आकर यही रहने लग गए हैं। इन नागरिकों के पास इंदौर में रहने के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं है। अब इन नागरिकों को यह तनाव हो गया है कि क्या इन्हें वापस जाना पड़ेगा। यदि जाना पड़ेगा तो यह लोग कैसे जाएंगे। इन लोगों की इच्छा वापस जाने की नहीं है तो ऐसे में इनका क्या होगा। कल इन नागरिकों के साथ चर्चा करते हुए एडीएम के द्वारा कहा गया कि भारत सरकार ने जो घोषणा की है उस घोषणा का कोई आदेश हमें अभी प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे में आप लोगों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। जब आदेश प्राप्त हो जाएगा तब इस विषय में विचार किया जाएगा।