नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पिछले साल से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच दोनों पक्षों ने पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे से टैंकों और इन्फैंट्री युद्धक वाहनों को वापस लाना शुरू कर दिया है। यह जानकारी बुधवार को इस डिसइंगेजमेंट योजना के संबंधित अधिकारियों ने दी।
इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से इस बात का एलान करने के बाद कि बीजिंग ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है, लेकिन इन अहम रणनीतिक चोटियों पर सैनिक अभी भी मौजूद हैं।
पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के कई बिंदुओं में से एक से बख्तरबंद वाहनों और उपकरणों की वापसी की खबर दोनों देशों के बीच हुई पिछली कमांडर स्तरीय वार्ता के करीब 15 दिन बाद आई है। दोनों पक्षों ने सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर 24 जनवरी को बैठक कर चर्चा की थी।
उधर, चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वु कियान ने बुधवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया।
कियान ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया। उनके इस बयान से संबंधित खबर चीन के आधिकारिक मीडिया ने साझा की है।
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता में बनी सहमति के अनुरूप दोनों देशों के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने 10 फरवरी से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया।
दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई से गतिरोध चला आ रहा है। दोनों देश कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता कर चुके हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच 24 जनवरी को मोल्डो-चुशूल सीमा स्थल पर चीन की ओर कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता हुई थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved