उज्जैन: आखिर पंडित प्रदीप मिश्रा कथा के दौरान मीडिया, पुलिस और व्यवस्था पर निशाना साधते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि जिसे जो छापना हो, जिसे जो दिखाना हो, वह दिखाता रहे, उन्हें किसी बात की परवाह नहीं है. इसके अलावा उन्होंने कुछ व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े किए. खासतौर पर महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन व्यवस्था पर उन्होंने प्रश्न चिन्ह लगाया.
दरअसल, पंडित प्रदीप मिश्रा ने उज्जैन में 7 दिनों की शिव महापुराण कथा की, जिसका सोमवार को समापन हो गया. उनकी कथा में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी जिसके कारण महाकालेश्वर मंदिर में भी भीड़ का दबाव देखा गया. वहीं पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान मीडिया पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि कोई क्या छाप रहा है या क्या कुछ दिखा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि मैं भगवान शिव का भक्त हूं केवल शिव की आराधना में डूबा हूं. उन्हें किसी से कोई सरोकार नहीं है.
पुलिस पर जताई नाराजगी
वहीं मीडिया पर निशाना साधने के बाद उन्होंने पुलिस और महाकालेश्वर मंदिर के निजी सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि जब भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु जाते हैं तो उन्हें हाथ पकड़कर खींचा जाता है और आगे बढ़ा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं से भक्ति, भाव के साथ व्यवहार करना चाहिए. श्रद्धालु बड़ी दूर से भगवान की एक झलक पाने के लिए आता है, मगर जिस प्रकार से मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं को बाहर निकाल दिया जाता है, वह गलत है.
श्रद्धालुओं की शिकायत पहुंची उनके पास
पंडित प्रदीप मिश्रा ने जब कथा का शुभारंभ किया था उस समय उन्होंने कहा था कि श्रद्धालु भगवान महाकाल की नगरी में विराजित है. ऐसी स्थिति में कथा सुनने से पहले या कथा सुनने के बाद श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेना ना भूले. इसके बाद महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ में इजाफा हो गया. पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने आए लोग बड़ी संख्या में महाकाल मंदिर पहुंच गए. इसके बाद जब श्रद्धालुओं ने महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्था को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा से शिकायत की तो उन्होंने मंच से व्यवस्था सुधारने का आह्वान कर दिया. गौरतलब है कि महाकालेश्वर मंदिर में आम श्रद्धालुओं को दूर से दर्शन करना पड़ते हैं जबकि वीआईपी व्यवस्था के तहत शीघ्र दर्शन के लिए 250 रुपये प्रति श्रद्धालुओं की रसीद काटी जाती है.
इसलिए पुलिस भी आ गई निशाने पर
पंडित प्रदीप मिश्रा ने महाकाल मंदिर की व्यवस्था को लेकर इशारों ही इशारों में पुलिस पर भी निशाना साथ दिया. बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा की व्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश भर के 1700 पुलिसकर्मी तैनात किए गए. बावजूद इसके कथा स्थल के आसपास मारपीट की गई घटनाएं हो चुकी है. पंडाल के अंदर महिला श्रद्धालुओं द्वारा स्थान को लेकर झगड़ा किया गया, जिसके बाद पंडाल के बाहर पंडित प्रदीप मिश्रा के निजी सुरक्षाकर्मी और महिला पुलिसकर्मियों के बीच जमकर मारपीट हुई. इन सब घटनाओं का प्रकाशन और प्रसारण स्थानीय मीडिया के साथ-साथ राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल पर भी किया गया, जिसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने मीडिया और पुलिस पर निशाना साधा.
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