नयी दिल्ली| शास्त्रीय संगीत सम्राट पद्मविभूषण पंडित जसराज का सोमवार को अमेरिका के न्यूजर्सी में हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। विश्व प्रसिद्ध संगीत मनीषी पंडित जसराज 90 वर्ष के थे। मेवाती घराना के शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हरियाणा के हिसार में हुआ था।
वह पिछले कुछ समय से परिवार के साथ अमेरिका में ही थे।उन्हें पद्मश्री और पद्यभूषण से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने अमेरिका के न्यू जर्सी में अंतिम सांस ली. मृत्यु की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है. उनकी पुत्री दुर्गा जसराज ने उनके निधन की जानकारी दी है. मेवाती घराने के पंडित जसराज खयाल गायकी के शीर्ष गायक थे. अमेरिका के न्यू जर्सी में भी उनका घर है और वहां उनका संगीत का विद्यालय भी चलता है. अपने 80 साल के म्यूजिक करियर में पंडित जसराज को कई अवॉर्ड व सम्मान मिले. इनमें पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण भी शामिल हैं. पंडित जसराज ने मात्र 14 वर्ष की आयु में गायक के रूप में अपना प्रशिक्षण शुरू किया था. इससे पहले वे तबला वादक थे. उन्होंने 22 साल की उम्र में गायक के रूप में अपना पहला स्टेज कॉन्सर्ट किया.
पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हिसार में हुआ था. वह जब चार वर्ष के थे तभी उनके पिता पंडित मोतीराम का निधन हो गया था और उनका पालन पोषण बड़े भाई पंडित मणीराम के संरक्षण में हुआ. जसराज मेवाती घराने से ताल्लुक थे. यह संगीत का एक स्कूल है और ‘खयाल’ के पारंपरिक प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है. जसराज ने खयाल गायन में कुछ लचीलेपन के साथ ठुमरी, हल्की शैलियों के तत्वों को जोड़ा है.
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