भोपाल। हर साल पानी की बढ़ती किल्लत और करोड़ों लीटर पानी की बर्बादी रोकने के लिए सरकार सख्त नियम बनाने जा रही है। जिसके तहत अब गांवों में भी लोगों को पानी की बर्बादी करने पर जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके लिए सरकार जल्द ही नया कानून बनाने जा रही है। इस कानून के जरिए सरकार गांवों में पेयजल व्यवस्था भी सुधारेगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने ग्रामीण जल प्रदाय योजना क्रियान्वयन एवं प्रबंधन नियम बनाकर तैयार कर लिए हैं।
जल प्रबंधन नियम को लेकर आपत्ति या सुझाव मांगे गए हैं। यदि कोई आपत्ति या सुझाव आते हैं तो उनका निराकरण करके इन्हें लागू कर दिया जाएगा। इसमें पानी का अपव्यय रोकने के लिए प्रत्येक बार 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। तीन माह तक लगातार बिल नहीं चुकाने पर कनेक्शन काट दिया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नए नियमों का मसौदा राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है।
ग्रामीणों को लेना होगा नल कनेक्शन
जल्द ही पेयजल प्रदाय करने को लेकर ग्राम स्तरीय कार्ययोजना बनेगी। घरेलूू, संस्थागत, शासकीय संस्था, व्यावसायिक और औद्योगिक कनेक्शन के आधार पर जलदर तय होगी। घरेलू कनेक्शन देने से पहले समिति परिवार के साथ लिखित में अनुबंध करेगी। इसके लिए सुरक्षा निधि भी ली जाएगी। उपभोक्ता यदि लगातार तीन माह बिल नहीं चुकाता है तो कनेक्शन काटा जा सकेगा। जल के अपव्यय को रोकने के लिए सख्ती की जाएगी।
जन सहयोग से बनेगी योजना
पानी की बर्बादी होने पर न्यूनतम 100 रुपये प्रत्येक बार जुर्माना लगाया जाएगा। जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए यह प्रावधान भी रखा गया है कि योजना की कुल लागत का पांच से दस प्रतिशत हिस्सा जन सहयोग से जुटाया जाएगा। इसमें अति गरीब, विधवा और दिव्यांगजनों को छूट रहेगी। समिति में 10 से 15 सदस्य होंगे। इसमें 50 फीसद महिला और 25 फीसद पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों होंगे। बाकी सदस्य उपभोक्ता रहेंगे।
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