भोपाल। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हो चुकी है और चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का सिलसिला जारी है। इस बीच आरक्षण का मामला कोर्ट-कोर्ट घूम रहा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामला जबलपुर हाईकोर्ट को लौटाने के बाद आज हाईकोर्ट ने त्वरित सुनवाई से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने अगले महीने 3 जनवरी (शीत कालीन अवकाश के बाद)को सुनवाई करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं होने पर अब वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा फिर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
जस्टिस खानविलकर की कोर्ट में था मामला
मप्र में पंचायत चुनाव का आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर एवं जस्टिस सीटी रविकुमार की कोर्ट में था। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के मामले पर सुनवाई हाईकोर्ट को त्वरित करने को कहा था। खानविलकर मई 2016 से पहले मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे हैं।
लाखों उम्मीदों को झटका
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 3 लाख 92 हजार से ज्यादा पदों के लिए हो रहा है। जिसमें करीब 10 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं। पंचायत चुनाव में भाग ले रहे अभ्यर्थियों को आज आरक्षण मामले में कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद थी, लेकिन सुनवाई अगले महीने के लिए टलने से झटका लग गया है।
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