नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के एक आदेश को बरकरार रखते हुए कहा है कि पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों को भी अपने नामांकन पत्र में अपने खिलाफ लंबित मामलों की जानकारी देना जरूरी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए एक ग्राम प्रधान के निर्वाचन को रद्द कर दिया। मामला मंडी जिले के पंगना ग्राम पंचायत का है।
सुप्रीम कोर्ट पीठ ने अपने फैसले में कहा कि ‘उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को हम योग्य नहीं पाते हैं, क्योंकि राज्य चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए नियमों को उच्च न्यायालय ने अधीनस्थ कानून का हिस्सा माना है। कानून के तहत पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भी इसके प्रावधानों का पालन करना जरूरी है।’ इससे पहले 16 अक्तूबर 2024 को उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि ‘तथ्यों को छिपाना हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 के प्रावधानों का उल्लंघन है। यह चुनाव को अमान्य घोषित करने का वैध आधार हो सकता है।’
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