नई दिल्ली: ज्योतिष में शुभ-अशुभ कामों को लेकर पंचक काल (Panchak Kaal) का खास तौर पर ध्यान रखा जाता है. इस दौरान कोई शुभ काम जैसे- विवाहित बेटी की विदाई, नए काम की शुरुआत, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं. 28 जून यानी कि आज से पंचक काल शुरू (panchak kaal Start ) हो रहा है, जो कि 3 जुलाई तक रहेगा. जानते हैं कि पंचक काल क्या होता है और इस दौरान कौन से काम नहीं करने चाहिए.
कब होता है पंचक काल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चन्द्र ग्रह का धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद तथा रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करने का काल पंचक काल कहलाता है. इस तरह चन्द्र ग्रह का कुम्भ और मीन राशी में भ्रमण पंचकों को जन्म देता. एक अन्य मान्यता के अनुसार, भगवान राम द्वारा रावण का वध करने की तिथि के समय के बाद से 5 दिन तक पंचक मनाने की परंपरा है.
मृत्यु को लेकर है ऐसी मान्यता
मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक काल के दौरान हो जाती है तो उसी परिवार या खानदान में 5 अन्य लोगों की मौत भी हो जाती है. यदि 5 लोगों की मृत्यु न भी हो तो 5 परिजनों को किसी न किसी प्रकार का रोग, शोक या कष्ट हो सकता है. ऐसी स्थिति में गरुड़ पुराण (Garuda Puran) में मृतक का अंतिम संस्कार करने के खास तरीके बताए गए हैं, उनका पालन करने से परिवार के बाकी सदस्यों के सिर से संकट टल जाता है.
पंचक काल में गलती से भी न करें यह काम
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