सियागंज बंद होने से काला बाजारी अब भी जारी…
इन्दौर। कई महीनों के बाद कल से शहर में पान की दुकानें खुलीं, इसके बावजूद इन दुकानों पर दोगुनी कीमत में गुटखे-पाउच बिके। दुकानदारों का कहना था कि सियागंज सहित शहर की सभी होलसेल दुकानों को खोलने की अब तक अनुमति नहीं मिली है, जिसके कारण उन्हें तंबाखू, सुपारी और पाउच नहीं मिल पाए हैं।
शहर का एक बड़ा तबका गुटखा, पाउच, बीड़ी-सिगरेट के सेवन का शौकीन है। कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान लगे लॉकडाउन में गुटखा, पाउच और बीड़ी-सिगरेट के शौकीनों ने यह चीजें दोगुने, तिगुने भाव में खरीदकर अपनी तलब दूर की। इस दौरान शहरभर में चोरी-छिपे पाउच, तं्बाखु और सुपारी बिकती रही, पर किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कल कलेक्टर मनीषसिंह ने विशेष शर्तों के आधार पर पान की दुकानों को खोलने की अनुमति दी। पान की दुकानें खुलने के बाद गुटखा, पाउच, बीड़ी-सिगरेट के शौकीन जब पान की दुकानों पर लेने पहुंचे तो इनके दाम लॉकडाउन के दौरान वसूले गए दाम जैसे ही लिए गए। पांच रुपए का पाउच 10 में तो 10 रुपए के दो पाउच 25 से 30 रुपए में मिले। इसके अलावा बीड़ी के बंडल और सिगरेट के पैकेट के दाम भी मूल कीमत से ज्यादा खरीदारों से वसूले गए। सिंधी कालोनी स्थित पान व्यवसायी वासु खेमचंदानी ने बताया कि दुकानें भले ही कल से खुल गई हों, मगर सियागंज सहित अन्य स्थानों पर होलसेल की दुकानों को खोलने की अनुमति जिला प्रशासन ने नहीं दी। लिहाजा दुकानदारों के पास जो पुराना स्टाक था, उसे ही बेचा जा रहा है। होलसेल की दुकानें खुलने के बाद पाउच, गुटखा और बीड़ी-सिगरेट के दाम सामान्य कीमत में आएंगे। तब तक लोगों को यह सामग्री महंगे दामों में ही खरीदना पड़ेगी।
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