पालघर। चेन्नई से 30 जनवरी को अपहृत नौसेना के 26 वर्ष के नाविक की मौत हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार अपहरणकर्ताओं ने पालघर जिले में एक जंगल में जिंदा जला दिया था। बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिला पुलिस ने बताया है कि नाविक सूरज कुमार दुबे की शुक्रवार को मुंबई के अस्पताल में शिफ्ट करने के दौरान मौत हो गई। पालघर पुलिस के प्रवक्ता सचिन नवाडकर के अनुसार सूरज रांची के रहने वाले थे और कोयंबटूर में आईएनएस अग्रणी पर तैनात थे। मिली जानकारी के अनुसार अपहरणकर्ताओं को जब लगा कि वे 10 लाख की फिरौती हासिल नहीं कर सकेंगे, इसके बाद उन्होंने सूरज को जिंदा जला दिया।
पालघर: केस दर्ज, अपहरण करने वालों की तलाश
पुलिस ने बताया कि सूरज का शरीर 90 प्रतिशत तक जल चुका था। उन्हें मुंबई स्थित नौसेना अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि संजय ने मौत से पहले अपने बयान में पूरी कहानी बताई है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपों में मामला दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
महाराष्ट्र में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू
इस घटना के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। बीजेपी विधायक राम कदम ने राज्य की शिवसेना सरकार की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पालघर में हमारे जवान सुरक्षित नहीं हैं। यहां तक कि साधु सुरक्षित नहीं हैं।’ पालघर में पिछले साल भीड़ द्वारा दो साधुओं और उनके एक ड्राइवर की हत्या के मामले में राम कदम ने एक बार फिर सीबीआई जांच की मांग की। महाराष्ट्र की सीआईडी ब्रांच इस मामले में अब तक 248 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। राम कदम ने ट्वीट लिखा, ‘न्याय कब मिलेगा? उस जवान को जो हमारे देश की सुरक्षा करता है और उन साधुओं को जो हमारी संस्कृति की रक्षा करते हैं।’ इस ट्वीट में राम कदम ने सीएम उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को भी टैग किया।
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