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अमेरिकी नागरिकता के लिए इंटरव्यू देने पहुंचा फिलिस्तीनी छात्र, पुलिस ने हिरासत में लिया, क्या है आरोप

  • April 16, 2025

    नई दिल्ली । अमेरिकी नागरिकता(US citizenship) के लिए यूएस स्टेट वर्मोंट(US State Vermont) के इमिग्रेशन दफ्तर (immigration office)पहुंचा एक फिलिस्तीनी युवक(Palestinian youth) उस वक्त हिरासत(custody) में ले लिया गया जब वह इंटरव्यू देने अंदर गया था। युवक का नाम मोहसिन महदावी बताया जा रहा है, जो पिछले एक दशक से अमेरिका में रह रहा है और 2015 से ग्रीन कार्ड धारक है। उसे सोमवार को इमीग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट के एजेंटों ने यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज कार्यालय से गिरफ्तार किया।

    युवक पर क्या आरोप

    महदावी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई पूरी कर चुका है और आगामी सत्र में मास्टर डिग्री शुरू करना वाला था। गाजा युद्ध के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में उसने सक्रिय भूमिका निभाई थी। उसके वकीलों का आरोप है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध है और उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया है। महदावी के वकील लूना ड्रौबी ने कहा, “ट्रंप प्रशासन ने मोहसिन महदावी को फिलिस्तीनियों के समर्थन में आवाज उठाने की वजह से हिरासत में लिया है। यह न केवल प्रतिशोधात्मक है, बल्कि असंवैधानिक भी है।”


    महदावी की गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है, जब कुछ दिन पहले उसके साथी और कोलंबिया यूनिवर्सिटी में सहपाठी महमूद खलील को भी हिरासत में लिया गया था। खलील को गाज़ा युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने के चलते “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” बताया। खलील के निर्वासन का आदेश भी जारी हो चुका है।

    क्या जानबूझकर कराई अरेस्टिंग

    महदावी के एक मित्र क्रिस्टोफर हेलाली का कहना है कि वह भी उसके साथ इमीग्रेशन कार्यालय तक गया था। हेलाली ने बताया कि महदावी को पहले से अंदेशा था कि उसे हिरासत में लिया जा सकता है, लेकिन इसके बावजूद वह इंटरव्यू के लिए पहुंचा क्योंकि उन्हें भरोसा था कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा। “वह घबराए जरूर थे, लेकिन उन्हें भरोसा था कि सच उनके साथ है। वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और जल्द ही अमेरिकी नागरिक बनने वाले थे।”

    उधर, महदावी के वकीलों ने फेडरल कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें मांग की गई है कि उन्हें न तो वर्मोंट से बाहर ले जाया जाए और न ही अमेरिका से डिपोर्ट किया जाए। याचिका में उन्हें एक शांतिप्रिय युवक बताया गया है। अब इस मामले पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह मामला न सिर्फ इमिग्रेशन नीति, बल्कि गाजा युद्ध से भी जुड़ा हुआ है।

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