नई दिल्ली। हर बार की तरह इस बार भी भारत के अंदरूनी मामले में पाकिस्तान (Pakistan) ने टांग अड़ाई है। इस बार पाकिस्तान की तरफ से कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के हिजाब संबंधित आदेश पर प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तान ने हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय (Pakistani Foreign Ministry) ने हाईकोर्ट के फैसले को धार्मिक आजादी के खिलाफ बताया है। आपको बता दे की यह पहला मामला नहीं है जब पाकिस्तान ने भारत के अंदरूनी मामले में दखल दिया हो, इससे पहले भी पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर CAA-NRC समेत कई अन्य मामलो पर भरता के खिलाफ जहर उगलता रहा है।
पाक ने कहा की हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया वह धार्मिक रीति-रिवाजों (religious rituals) की आजादी को बरकरार रखने में नाकाम हुआ है। उसने इस फैसले को मानवाधिकार का हनन करने वाला बताया है। पाकिस्तान ने अपने बयान से भारत के मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश की है। उसने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की यादें अब भी ताजा हैं। लेकिन भारत इस बात से बेखबर है कि उसकी सेक्युलर इमेज को तेजी से नुकसान हो रहा है।
हिजाब मामले को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हिजाब न पहनें तब भी जाति और धर्म नहीं छिपता है। ओवैसी ने कहा कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह गलत कहा है कि इस्लाम में हिजाब जरूरी नहीं है। हिजाब, नकाब पहनना इस्लाम में जरूरी है। ओवैसी ने कहा कि हिजाब पहनना मेरी बेटी का अधिकार है।
ओवैसी ने कहा कि चूड़ी, मांग भरने की अनुमति है तो हिजाब की क्यों नहीं? सिवाय हिजाब के दूसरे धर्म के प्रतीकों को अनुमति दी जा रही है। मैं हाई कोर्ट के फैसले को गलत बता रहा हूं। उन्होंने हाईकोर्ट के जजों के तिलक लगाने पर भी सवाल उठाए। हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद ही इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि होली के बाद वह इससे जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई पर विचार करेगा। कोर्ट ने इस मामले को तुरंत सुनने की याचिका खारिज कर दी है।
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