इस्लामाबाद (Islamabad) । आर्थिक संकट (Economic Crisis) से गुजर रहे पाकिस्तान की स्थिति आए दिन और बिगड़ती जा रही है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) की कमी के बीच वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली दो तिमाहियों में पाकिस्तान (Pakistan) की बाहरी ऋण अदायगी में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के आंकड़ों से पता चला है कि वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में पाकिस्तान ने बाहरी ऋण अदायगी में 10.21 अरब अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया, जबकि 2021-22 की समान अवधि में देश ने छह अरब अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था। आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर से दिसंबर के बीच पाकिस्तान को विदेशी कर्ज चुकाने के लिए 6.77 अरब अमेरिकी डॉलर (U.S. Dollar) का भुगतान करना पड़ा, जो असामान्य रूप से बड़ी रकम है।
2022-23 की दूसरी तिमाही में ऋण चुकाने की राशि देश द्वारा उसी वित्त वर्ष की पिछली तिमाही में भुगतान की गई राशि (3.45 अरब अमेरिकी डॉलर) से लगभग दोगुनी थी। 2022-23 की पहली छमाही में कर्ज अदायगी के इतने उच्च स्तर ने एसबीपी के विदेशी मुद्रा भंडार को काफी कम कर दिया, जो इस तरह के भुगतान के लिए जिम्मेदार है। डॉन के मुताबिक, एसबीपी का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 3.2 अरब अमेरिकी डॉलर के आसपास है।
पाकिस्तान में वाशिंगटन स्थित ऋणदाता के साथ लंबी बातचीत के बावजूद अंतराराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अन्य वैश्विक संस्थानों से मिलने वाले कर्ज को मंजूरी नहीं मिल सकी। द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि पाकिस्तान और आईएमएफ प्रतिनिधियों के बीच 10 दिनों की लंबी वार्ता के बाद भी 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की ऋण किश्त को मंजूरी देने के लिए एक कर्मचारी-स्तरीय समझौता नहीं हो पाया। आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच 31 जनवरी से नौ फरवरी तक चली वार्ता इस्लामाबाद में संपन्न हुई थी। आईएमएफ का मिशन पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए इस्लामाबाद पहुंचा था।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक तिमाही में बाहरी कर्ज अदायगी का बढ़ता आकार इस बात की ओर इशारा करता है कि सरकार अपने विदेशी ऋण पुनर्भुगतान दायित्वों को पूरा करने के लिए उच्च वाणिज्यिक दरों पर डॉलर उधार ले रही है।
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