नई दिल्ली। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (pakistan forex reserves) विदशों से कर्ज के बावजूद भी कम होता जा रहा है. पिछले तीन महीनों में पाकिस्तान(pakistan) ने विदेशों से 5 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज (Over $ 5 billion in debt from abroad) लिया है लेकिन फिर भी अपने विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) को संतुलित नहीं रख पाया है. अब विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए पाकिस्तान सरकार (Government of Pakistan) की निगाहें पाकिस्तानियों के सोने पर टिकी हुई है. पाकिस्तान सरकार(Government of Pakistan) अपने नागरिकों से सोने के बिस्कुट और सोने के बार उधार लेने पर विचार कर रही है. पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय (Pakistan’s Ministry of Finance) के सूत्रों के अनुसार, आर्थिक कार्यकारी परिषद (EEC) में इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई है.
पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्ताव के अनुसार, वाणिज्यिक बैंक सोने के मालिक को ब्याज दर का भुगतान करेंगे और उन्हें छूट भी दी जाएगी. ये वाणिज्यिक बैंक सोना मालिकों से सोना लेकर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास सोना जमा करेंगे. पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक सोने को विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए उसका मुद्राकरण कर सकता है.
इमरान खान को एक प्रवासी ने दी थी ये सलाह
प्रधानमंत्री इमरान खान को नागरिकों से सोना उधार लेने का ये प्रस्ताव शुरू में एक प्रवासी ताहिर महमूद ने दिया था. इमरान खान ने तब मामले को ईईसी के पास भेज दिया. ईईसी ने इस प्रस्ताव को विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने और सोने जैसी निष्क्रिय संपत्ति के खिलाफ बाजार में अधिक नकदी लाने के लिए मंजूरी दे दी है.
पिछली ईईसी की बैठक में पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरिन ने कहा था कि सोना उधार लेने का उद्देश्य विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए सोने को विदेशी मुद्रा में बदलना है. वित्त मंत्री का मानना था है कि देश में निष्क्रिय पड़ा सोना अब उत्पादकता में बदल जाएगा.
सोने के बिस्कुट और बार ही स्वीकार करेंगे बैंक
सूत्रों का कहना है कि बैंक केवल सोने के बिस्कुट और बार ही स्वीकार करेंगे, सोने के गहनों को नहीं लिया जाएगा. ईईसी के साथ साझा किए गए कुछ अनुमानों के अनुसार, लोगों के पास लगभग 5,000 टन सोने की छड़ें और बिस्कुट हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, इसके कोई पुख्ता आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. सूत्रों ने कहा कि लोग फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू को दाखिल टैक्स रिटर्न में अपने सोने की पूरी जानकारी नहीं देते हैं. ईईसी में इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई कि जो लोग अपने सोने के बिस्कुट और बार सरकार को देंगे, उन्हें माफी दी जाएगी.
योजना के विफल होने की भी आशंकाएं
ऐसी आशंकाएं हैं कि विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए सोना उधार लेने की ये योजना विफल भी हो सकती है. सोना मालिकों को सोना खरीदने के स्रोत का खुलासा करने के लिए कहा जा सकता है जिस कारण वो अपना सोना बैंको तक लाने में कतराएंगे.
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने पाकिस्तान मर्केंटाइल एक्सचेंज के साथ परामर्श के बाद इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया है और इसे ईईसी द्वारा तैयार की गई समिति को विचार के लिए भेजा है. प्रस्ताव के अनुसार, सोना देने वाले नागरिकों को धारक स्वर्ण प्रमाण पत्र दिया जाएगा. जिसपर वो ऋण ले सकते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved