इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bhutto Zardari) का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे अंधेरे में ही अपना भाषण दे रहे हैं। दरअसल बिलावल भुट्टो (Bhutto Zardari) को उसे समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, जिसको टीवी (TV) पर लाइव दिखाया जा रहा था। इस दौरान अचानक उनके घर की बिजली चली गई और वह टीवी पर दिखाई देना बंद हो गए, हालांकि इस दौरान उनकी आवाज सुनाई दे रही थी। बता दें, जरदारी के साथ जब यह घटना हुई उस वक्त वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे।
गौरतलब है, आजकल पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। जहां एक तरफ महंगाई ने हद मचा दी है, वहीं आम लोगों को बिजली संकट का सामना भी करना पड़ रहा है। लेकिन इस बीच, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के घर की बिजली जाने से साफ है कि पाकिस्तान के बड़े-बड़े नेताओं को भी इस संकट का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिलावल इमरान खान पर तीखे वार कर रहे थे। यह कॉन्फ्रेंस टीवी पर लाइव दिखाई जा रही थी। तभी अचानक उनके घर की बिजली चली गई। इस दौरान जरदारी टीवी पर दिखना बंद हो गए। हालांकि स्थिती को संभालते हुए जरदारी ने कहा कि मुझे नहीं पता बिजली क्यों काटी गई है, लेकिन इससे साफ हो गया कि बिलावल हाउस में भी बिजली कटौती होती है। बता दें, पाकिस्तान में आम जनता को रोजाना कई घंटों तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
भुट्टो-जरदारी ने कहा कि प्रदर्शन हिंसक हैं और इसने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं, जिस पर मंथन की जरूरत है। हिंसा में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पीटीआई समर्थकों से मांग की कि वे घोषित करें कि वे कानून और संविधान का पालन करेंगे। जो होना था हो चुका है। चीजों को अपने लिए और मुश्किल न बनाएं।
भुट्टो-जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और सेना ने बहुत संयम दिखाया है। जनरल के घर पर या सशस्त्र बलों के मुख्यालय पर किसी और देश में हमला हुआ होता तो प्रदर्शनकारियों को सीधे गोली मार दी जाती। रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना जनरल मुख्यालय पर सिर्फ दो बार हमला किया गया, एक बार प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने किया था और दूसरे बार इमरान खान के समर्थकों ने ऐसा किया है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भुट्टो-जरदारी ने कहा कि वह सैद्धांतिक तौर से किसी भी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ हैं, लेकिन ऐसे फैसले परिस्थितियों को देखते हुए किए जाते हैं। अगर ऐसा फैसला लिया जाएगा तो तब लिया जाएगा, जब इसके अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।
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