इस्लामाबाद । पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से उठा लिए गए पाकिस्तानी पत्रकार मतीउल्लाह जान मंगलवार की रात अपने घर वापस पहुँच गए हैं. लोकतंत्र विरोधी ताक़तों के आलोचक रहे पत्रकार मतीउल्लाह जान को इस्लामाबाद शहर से मंगलवार को अग़वा कर लिया गया था.
परिवार वालों के अनुसार अपहरणकर्ताओं ने मतीउल्लाह जान को फ़तहजंग के क़रीब छोड़ दिया था जहां से उनके भाई उन्हें अपने साथ लेकर घर आए. मतीउल्लाह जान के साथी पत्रकार एज़ाज़ सैय्यद ने ट्वीटर पर मतीउल्लाह जान की रिहाई के बाद उनके साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की और लिखा कि मतीउल्लाह जान ने 12 घंटों के बाद रिहाई पाई.
उनकी कार इस्लामाबाद के सेक्टर जी-सिक्स में एक स्कूल के बाहर खड़ी मिली थी जहां वे अपनी पत्नी को ड्रॉप करने आए थे. मतिउल्लाह जान की बेगम इसी स्कूल में पढ़ाती हैं. मतिउल्लाह जान ने उन्हें साढ़े नौ बजे स्कूल के पास छोड़ा था. लेकिन दो घंटे बाद साढ़े ग्यारह बजे स्कूल के सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें बताया कि उनके पति की कार स्कूल के बाहर ही खड़ी है.
उन्होंने बताया, “कार की खिड़कियां खुली थीं. उनके कार की चाभी और उनको फोन दोनों ही गाड़ी के भीतर ही थे. उसके बाद मैंने अपने पति से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन जब उनसे बात नहीं हो पाई तो मैंने पुलिस को फौरन ही बुला लिया.” स्कूल के सीसीटीवी कैमरे में दर्ज फुटेज के मुताबिक़ तीन गाड़ियों पर आधे दर्जन से ज़्यादा लोग उन्हें जबरन कार में ले गए. सीसीटीवी फुटेज में मतिउल्लाह अपना फोन स्कूल के भीतर फेंकते हुए देखे गए. लेकिन तभी एक वर्दी पहने बंदूकधारी गेट पर आया और उसने स्कूल परिसर में खड़ी एक महिला से वो फोन मांगा. महिला ने वही किया जो उसे करने के लिए कहा गया था.
मतिउल्लाह की पत्नी ने बताया कि उन्हें बाद में ये पता चला कि एक टीचर को उनके पति का फोन स्कूल कैंपस में मिला था लेकिन कुछ ही मिनटों में एक लंबा आदमी वर्दी पहने उनके पास आया और उसने फोन मांगा और लेकर चला गया. मति की पत्नी का कहना है कि ये सबकुछ इतनी जल्दी में हुआ कि उस टीचर को पूरी घटना समझ में ही नहीं आई.
आबपारा पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि मतिउल्लाह जान के अगवा होने की घटना से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज हासिल कर ली गई है लेकिन अपहरणकर्ताओं की सूरत साफ़ तौर पर समझ में नहीं आ रही है. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज को सावधानी से देखने के बाद ही वे कोई अंतिम नतीजे पर पहुंच सकते हैं. “ये स्पष्ट है कि फुटेज में कुछ पुलिसवाले दिख रहे हैं. उन्होंने काउंटर-टेररिज़्म की वर्दी पहनी हुई है. लेकिन वर्दी कि बिना पर हम ये नहीं कह सकते कि वे कौन लोग हैं और अगर वे पुलिस से हैं तो किस थाने में तैनात हैं.”
मतिउल्लाह जान को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना के एक मामले में बुधवार को तलब किया गया था. बीते बुधवार को पाकिस्तान के चीफ़ जस्टिस गुलज़ार अहमद ने उनके एक विवादास्पद ट्वीट के लिए उन्हें नोटिस जारी किया था. इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने राजधानी में अगवा किए गए पत्रकार मतिउल्लाह जान को बरामद करने का आदेश दिया है और कहा है कि उन्हें बरामद नहीं किया जाता है तो संबंधित पार्टियों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए तलब किया जा सकता है.
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