नई दिल्ली (New Dehli) । वित्त मंत्रालय (Finance Ministry)के सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स (media reports)में कहा गया है कि लाहौर में धुंध-कोहरे (fog)के गंभीर स्तर से निपटने (deal with)के अपने प्रयासों (efforts)के तहत पंजाब सरकार प्रांतीय राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है। परियोजना की अनुमानित लागत 35 करोड़ रुपये है।
पाकिस्तान लंबे समय से गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। बावजूद, इसके वह करीब 35 करोड़ रुपये खर्च कर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लाहौर में कृत्रिम बारिश की योजना बना रहा है। इसके लिए वह चीन की मदद लेने की तैयारी कर रहा है। देश के पंजाब प्रांत की राजधानी अभी दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है।
शुक्रवार को लाहौर एक बार फिर दुनिया में वायु प्रदूषण के मामले में पहले स्थान पर रहा। सरकारी समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान’ (एपीपी) ने मौसम विभाग के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि प्रांतीय राजधानी में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 356 दर्ज किया गया।
पाकिस्तान का लाहौर और भारत का दिल्ली शहर हाल के कुछ वर्षों से सर्दी के मौसम में दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर बने हुए हैं। संयोग से, दिल्ली सरकार ने भी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश की संभावना की घोषणा है।
मीडिया आउटलेट ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से शुक्रवार को कहा, ‘लाहौर में धुंध-कोहरे के गंभीर स्तर से निपटने के अपने प्रयासों के तहत पंजाब सरकार प्रांतीय राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है। परियोजना की अनुमानित लागत 35 करोड़ रुपये है।’
इस हफ्ते की शुरुआत में मुख्य मौसम विज्ञानी चौधरी असलम ने कहा था कि लाहौर में अगले महीने कृत्रिम बारिश होने की संभावना है और इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार कोहरे पर अंकुश लगाने के लिए अपने प्रयास तेज कर रही है।
वहीं, अखबार की खबर में कहा गया है कि पंजाब सरकार ने धुंध से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश की व्यापक योजना को अंतिम रूप देने के लिए विशेषज्ञों से सलाह मांगी है। अखबार ने पंजाब के अंतरिम सूचना मंत्री आमिर मीर के हवाले से कहा कि चीनी विशेषज्ञों के साथ मामले पर बातचीत हुई है। क्लाउड सीडिंग सबसे प्रभावी तरीका है।
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