कराची: पाकिस्तान में एक कहावत है कि यहां वकील और गधे हर मोहल्ले में मिल जाएंगे. यहां गधे अर्थव्यवस्था की रीढ़ सी बन गए हैं, क्योंकि पाकिस्तान इस समय गधों को एक्सपोर्ट करके विदेशी मुद्रा कमा रहा है. बीते एक साल में पाकिस्तान में गधों की संख्या तेजी से बढ़ी है, एक्सपोर्ट करने के बाद भी.
चीन में गधों को दवा बनाने में उपयोग में लाया जाता है. चीन की ये जरूरत पूरी करने के लिए पाकिस्तान बाकायदा इन्हें पालता है. पिछले एक साल में पाकिस्तान में गधों की संख्या बढ़ गई है. पाकिस्तान में गधों की संख्या चालू वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 100,000 बढ़कर 56 लाख हो गई है. पिछले साल यह संख्या करीब 55 लाख थी. पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में ये जानकारी दी गई है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तारिन ने गुरुवार को पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 जारी किया जिसके मुताबिक पिछले एक साल के दौरान पाकिस्तान में घोड़ों और खच्चरों की संख्या में वृद्धि स्थिर रही. पाकिस्तान गधों को चीन निर्यात करता है जिनकी खाल का इस्तेमाल दवा बनाने में किया जाता है.
पाकिस्तान से चीन को गधों का निर्यात किया जा रहा है, जिसकी वहां बहुत कीमत है. इससे पाकिस्तान को काफी कमाई होती है. गधों की खाल का विशेष रूप से पारंपरिक चीनी दवाओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है.गधों की स्किन से तैयार होने वाले जिलेटिन को औषधीय गुणों वाला बताया जाता है. इससे खून और इम्यून सिस्टम बेहतर होता है.
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक पाकिस्तान में 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में पशुओं की संख्या 19 लाख बढ़ी है. वहीं, गधों की संख्या 55 लाख से बढ़कर 56 लाख हो गई है. आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि पाकिस्तान में कुल जानवरों की संख्या 2 करोड़ 13 लाख 10 हजार हो गई है जबकि 2019-20 के दौरान पाकिस्तान का यह आंकड़ा 2 करोड़ सात लाख था.
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