अमृतसर: पाकिस्तान से भारत आई एक महिला ने अमृतसर के जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया है. इसके बाद उसके पिता ने कहा कि ये लड़का सीमा के जिले में पैदा हुआ है, इसलिए वे अपने बेटे का नाम बॉर्डर-2 रखेंगे. खबरों के मुताबिक पाकिस्तान के 50 हिंदुओं का जत्था अटारी-वाघा बार्डर से होकर भारत में आया था. पाकिस्तान से आया हिंदुओं का ये जत्था जयपुर जा रहा था. इस जत्थे में कैलाश का परिवार भी शामिल था.
कैलाश के साथ उसकी पत्नी डेला बाई और मां सरमिती मीरा भी हैं. जब कैलाश की पत्नी डेला बाई को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उसे अस्पताल ले जाया गया. अमृतसर के जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच के बाद पाया कि महिला और बच्चे की हालत नाजुक हो गई है. इसके बावजूद डॉक्टरों की कोशिश से महिला की डिलिवरी सकुशल कराई गई और अब मां और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं. इसके बाद नवजात लड़के के पिता कैलाश ने कहा कि वे अपने बच्चे का नाम बॉर्डर-2 रखेंगे.
गौरतलब है कि 2 दिसंबर, 2021 को भी एक पाकिस्तानी महिला ने अमृतसर में एक बच्चे को जन्म दिया था. तब उस पाकिस्तानी कपल ने भी अपने नवजात बच्चे का नाम ‘बॉर्डर’ रखा था. ये पाकिस्तानी दंपति 97 अन्य पाकिस्तानी नागरिक के साथ 71 दिनों से अटारी सीमा पर फंसा हुआ था. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के राजनपुर जिले के रहने वाले निम्बू बाई और बलम राम ने कहा था कि उन्होंने अपने बच्चे का नाम इसलिए बॉर्डर रखा क्योंकि वह भारत-पाक सीमा पर पैदा हुआ था. निम्बू बाई को जब उसे प्रसव पीड़ा हुई तो पड़ोस के गांवों की कुछ महिलाएं निम्बू बाई को बच्चे को जन्म देने में मदद करने के लिए पहुंचीं थीं. स्थानीय लोगों ने अन्य सहायता देने के अलावा प्रसव के लिए चिकित्सा सुविधाओं की भी व्यवस्था की.
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