श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)में अनुच्छेद 370 खत्म (Article 370 abolished)होने के बाद जिस तरह से माहौल बदला है उससे पाकिस्तानी आतंकवादी (Pakistani terrorists)बेहद परेशान हैं। सुरक्षाबल जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की सफाई का अभियान भी तेजी से चला रहे हैं। अब पाकिस्तान और पीओके के आतंकवादी सोशल मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। वे फेसबुक, एक्स और डार्क वेब पर आतंकियों और अलगाववादियों का गुणगान करते हैं और युवाओं को आतंकी बनने के लिए प्रेरित करते हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस बात पर भी गौर किया है कि सोशल मीडिया के जरिए आतंकियों की भर्ती के प्रयास हो रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों ने पता लगाय है कि पाकिस्तान और पीओके के आतंकी संगठनों के सोशल मीडिया अकाउंट पर तरह-तरह के पोस्ट करके लोगों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है। करीब 2000 ऐसी पोस्ट का पता लगाया गया है। बीते एक महीने में ही 2000 पोस्ट पहचान में आई हैं।
2016 सोशल मीडिया पोस्ट में से 130 तो भारत विरोधी और आतंकवाद समर्थक पोस्ट हैं। 22 पोस्ट अलगाववादियों का गुणगान करने वाली, 310 पोस्ट ऐसी हैं जो कि सार्वजनिक स्थलों औऱ इन्फ्रास्ट्रक्चर को तबाह करने वाली हैं। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया के टूल का प्रयोग करके जम्मू-कश्मीर के युवाओं को बरगलाने और उन्हें आतंक के रास्ते पर लाने का काम किया जाता है।
उन्होंने कहा कि हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में आतंकी भर्तियों में काफी कमी आ गई थी। साल 2014 में केवल चार युवाओं के आतंकी संगठन में शामिल होने की जानकारी मिली। इनमें से दो शोपियां से और एक-एक श्रीनगर और त्राल से थे। वहीं 2023 में घाटी के 22 युवा आतंकियों के साथ हो गए थे। उससे पहले 2022 में यह संख्या 113 थी। एजेंसियों के मुताबिक इस समय जम्मू-कश्मीर में 30 स्थानीय आतंकी एक्टिव हैं और कम से कम 75 विदेशी आतंकी भी हैं।
सोशल मीडिया के जरिए आतंकी संगठन जो अभियान चला रहे हैं वह गर्मियों की प्लानिंग है। वहीं सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते आतंकियों की भर्ती में कमी आई है। वहीं सुरक्षा व्यवस्था सख्त होने के चलते आतंकी संगठन युवाओं से सीधा नहीं जुड़ पा रहे है। ऐसे में वे सोशल मीडिया के जरिए हवा में तीर चला रहे हैं। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों इस चीज से चिंतित हैं कि जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद इस तरह से आतंकी संगठनों की सोशल मीडिया रीच क्यों बढ़ी है।
एजेंसियां जांच कर रही हैं कि क्या नई सरकार बनने के बाद आतंकियों के हौसले फिर बुलंद हो रहे हैं। हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस एलजी के ही अंडर में काम करती है। खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि पाकिस्तान की आईएसआई अब जमात-ए-इस्लामी के नेताओं को भी टारगेट कर रहा है। दरअसल इस बार जमात-ए-इस्लामी ने चुनावी राजनीति में कदम रख दिया है।
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