इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सोशल मीडिया स्टार कंदील बलोच (Social Media Star Qandeel Baloch) का हत्यारा भाई जेल से बाहर आ गया है. वसीम बलोच (Waseem Baloch) को ऑनर किलिंग (Honor Killing) के लिए उम्रकैद (life prison) की सजा मिली थी, लेकिन उसे पहले ही बरी कर दिया गया. गौर करने वाली बात ये है कि वसीम ने खुद अपनी बहन की हत्या (sister murder) की बात कबूली थी और कहा था कि उसे इसका कोई अफसोस नहीं है. इसके बावजूद कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया है.
वसीम के वकील सरदार महबूब (Wasim’s lawyer Sardar Mehboob) ने केवल इतना बताया है कि मुल्तान शहर की एक कोर्ट ने वसीम को पूरी तरह बरी कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ऑर्डर अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है. मुहम्मद वसीम ने 2016 में अपनी 25 वर्षीय बहन कंदील बलोच की गला दबाकर हत्या कर दी थी. बलोच बोल्ड अंदाज और पितृसत्तात्मक समाज के खिलाफ खुलकर अपने विचार रखने के लिए जानी जाती थीं. उनका भाई उनके इस रवैये से नाराज था.
कंदील की हत्या के बाद वसीम ने कहा था कि उसे अपनी बहन की जान लेने का कोई दुख नहीं है, क्योंकि वो परिवार और समाज की बदनामी का कारण बन गई थी. हत्या के 7 दिन बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और अदालत ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी. कंदील बलूच की हत्या के समय पाकिस्तान में एक कानून चलन में था, जिसके तहत पीड़ित परिवार को हत्यारे को माफ करने का अधिकार होता है. इसी को ध्यान में रखते हुए जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो कंदील के माता-पिता ने कोर्ट में एक शपथ पत्र दायर किया. जिसमें कहा गया कि हमने अपनी बेटी के हत्यारे को माफ कर दिया है. लिहाजा, इस मामले को खत्म किया जाए. हालांकि, हत्याकांड के तीन महीने बाद पाकिस्तान की संसद में इस विवादास्पद प्रथा के खिलाफ कानून पारित किया गया था, जिसका महिलाओं के लिए काम करने वाले संगठनों ने स्वागत किया था. लेकिन अब वसीम बलोच के जेल से बाहर आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या अदालत उसी प्रथा पर काम कर रही है? बता दें कि कंदील की हत्या के आरोप में मुफ्ती अब्दुल काजी, असलम शाहीन, हक नवाज, अब्दुल बासित और मोहम्मद जफर हुसैन भी आरोपी थे. इन सभी को पहले ही रिहा कर दिया गया था. इनमें से असलम शाहीन भी कंदील का भाई है. उस समय जज ने कहा था कि वसीम को छोड़कर बाकी आरोपियों का जुर्म साबित नहीं होता, उनके खिलाफ सबूत भी पर्याप्त नहीं हैं.