लाहौर। पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर और पंजाब की राजधानी लाहौर के गुरुद्वारा चुबच्चा साहिब को जिले के अधिकारियों ने नागरिकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए गिरा दिया। स्थानीय लोगों का कहना था कि गुरुद्वारे की इमारत जर्जर हो चुकी थी और उसे काफी समय से मरम्मत की जरूरत थी। इसका पुनरुद्धार कराने के बजाय अधिकारियों ने इसे गिरा दिया।
सिख समुदाय को लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार अधिकारियों का ध्यान इस ओर दिलाया, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि श्रद्धालुओं ने कई बार इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) को भी लिखा, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं आया। इस बीच, इमारत काफी कमजोर हो गई और इसे स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा माना जाने लगा।
एक अन्य घटनाक्रम में श्री ननकाना साहिब में श्रद्धालुओं के लिए बनाई गई 96 फाइबर हट को गिरा दिया गया। इस जमीन पर सराय बनाने की योजना है। ईटीपीबी चेयरमैन हबीब-उर-रहमान गिलानी ने स्थानीय अधिकारियों की जमकर खिंचाई की और हट गिराने का आदेश देने का कारण पूछा, जबकि प्रस्तावित सराय की नींव तक नहीं रखी गई है।
अगले माह प्रकाश पर्व से पहले ईटीपीबी और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक में श्रद्धालुओं के रहने की जगह गिराने पर चर्चा की संभावना है। कमेटी ने हालांकि कहा कि हट की जगह सुविधायुक्त सराय बनाने की योजना कई महीने पुरानी है।
भीड़ का निशाना बन रहे पाकिस्तान के मंदिर
पाकिस्तान में मंदिर और गुरुद्वारे लगातार हिंसक भीड़ का निशाना बनते रहे हैं। हाल के वर्षों में अल्पसख्यकों के धार्मिक स्थलों पर हमले की घटनाओं में खासी बढ़ोतरी हुई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से लगातार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कहता रहा है, लेकिन वह इस पर कोई ध्यान नहीं देता। इसके अलावा अल्पसंख्यकों के परिवारों की महिलाओं को भी कट्टरपंथी लगातार हिंसा का निशाना बना रहे हैं।
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