नई दिल्ली (New Delhi) । दुनियाभर में लोग गुस्सा, खीझ, असहमति या विरोध जताने के लिए गालियां (abuses) देते रहे हैं. दोस्तों के बीच एकदूसरे को चिढ़ाने या कई बार मजाक में गालियों का लेनदेन आम बात है. लोकगीतों में भी गालियों का इस्तेमाल खूब हुआ है. लेकिन, सार्वजनिक जीवन जीने वाले नेता (Leader), अभिनेता या सेलिब्रिटीज अगर सार्वजनिक मंच से गाली देते हैं तो मामला तूल पकड़ लेता है. इसमें किसी भी देश के नेताओं का सार्वजनिक जगह पर गाली देना काफी बुरा मएना जाता है. इस मामले में पाकिस्तान (Pakistan) के नेता काफी बदनाम हैं. पाकिस्तान के कई नेता जनसभाओं में मंचों से गालियां देते हुए देखे गए हैं. यहां तक कि पाकिस्तान की संसद में भी गाली-गलौज और हाथापाई की घटनाएं होती रही हैं.
पाकिस्तान में टीवी डिबेट्स के दौरान नेताओं के बीच कई बार लाइव गाली-गलौज हुई है. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो सेना और जनता पर ही गाली देते हुए अभद्र टिप्पणी कर दी थी. वह कई बार जनसभाओं में मंच से ही गाली देते हुए भी देखे गए हैं. पाकिस्तान के बड़े नेताओं में शुमार बिलावल भुट्टो भी कई बार गाली-गलौज करते देखे गए हैं. अब सवाल ये उठता है कि पाकिस्तान में नेता इतनी ज्यादा गालियां क्यों देते हैं? क्या उन पर गालियां देने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होती है? क्या उनकी छवि पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है? क्या नेताओं और आम लोगों के सार्वजनिक जगहों पर भद्दी गालियां देने को रोकने के लिए कोई कानून नहीं है?
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में गाली-गलौज
पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में 2021 में एक दिन भारी हंगामा हुआ. दरअसल, पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता अली नवाज खान एक सवाल के जवाब में विरोधी दलों के साथ गाली गलौज करने लगे. इसके बाद संसद में सिर्फ गालियां गूंज रही थीं. इस घटना का वीडियो खूब वायरल हुआ था. इससे पहले 2019 में इमरान खान के सामने ही संयुक्त अधिवेशन के दौरान सत्तापक्ष और विपक्षी दल आपस में भिड़ गए थे. इस दौरान दोनों तरफ के सांसद एकदूसरे को जमकर गालियां दे रहे थे. वहीं, प्रधानमंत्री रहते हुए खुद इमरान खान भी सार्वजनिक मंचों से गालियां देते हुए नजर आ चुके हैं.
टीवी शो ही नहीं, अमेरिका में भी दीं गालियां
इमरान खान की पार्टी की नेता डॉ. फिरदौस आशिक अवान ने एक लाइव टेलीविजन शो के दौरान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता कादिर मंडोखेल को थप्पड़ जड़ दिया था. 2021 में हुई इस घटना में फिरदौस ने पीपीपी नेताओं के साथ जमकर गाली-गलौज भी की. इसके बाद दोनों तरफ के नेता एक दूसरे को गालियां देते हुए पूरे देश को नजर आए. हालात इतने बिगड़ गए कि टीवी क्रू को आकर बीच-बचाव करना पड़ा था. वित्त मंत्री इशाक डार जब 2022 में वित्तीय मदद मांगने के लिए अमेरिका पहुंचे तो उनका एक वीडियो वायरल हो रहा था. उनके साथ अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान भी मौजूद थे. दरअसल, पहले वहां एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें गालियां दी तो वह खुद को नहीं रोक पाए और उसके साथ गाली-गलौज करने लगे.
पाकिस्तान में अभद्र भाषा पर क्या होती है कार्रवाई
दुनिया के तमाम देशों में सार्वजनिक मंचों पर भाषा पर नियंत्रण रखने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल होने पर कार्रवाई किए जाने से जुड़े कायदे-कानून हैं. वहीं, पाकिस्तान में इस पर किसी तरह का काबू नहीं है. दरअसल, पाकिस्तान में भारत के उलट ऐसा कोई कानून नहीं है, जो सार्वजनिक मंचों पर गाली-गलौज को रोक सके या ऐसा करने वालों को सजा दे. इसी वजह से पाकिस्तान के नेता महिलाओं के खिलाफ भद्दी भाषा का इस्तेमाल करने से भी नहीं डरते हैं. वहीं, भारतीय दंड संहिता की धारा-294ए और 294बी में उन लोगों को दंडित करने के लिए कानूनी प्रावधान हैं, जो सार्वजनिक तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए अनुचित या अश्लील शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.
भारत में अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर सख्त कानून
भारत में सार्वजनिक मंचों पर अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर सख्ती का बड़ा उदाहरण एआईबी का स्टेज शो रहा है. इस कार्यक्रम में लगातार अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद फरवरी 2015 में मुंबई की अदालत ने पुलिस को 14 बॉलीवुड हस्तियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने को कहा था. वहीं, भारत में महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करना बहुत बड़ा अपराध है. सुप्रीम कोर्ट ने बकायदा इसके लिए एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसे विशाखा गाइडलाइन कहा जाता है. भारत में सार्वजनिक मंचों के अलावा सोशल मीडिया पर भी अभद्र टिप्पणी करने पर भी सख्त कार्रवाई के कायदे-कानून हैं.
ऑस्ट्रेलिया में अपराध, ब्रिटेन में अपराध का घटक
ऑस्ट्रेलियाई में सार्वजनिक स्थान या उसके नजदीक आपत्तिजनक, अभद्र या अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल अपराध माना जाता है. आरोपी पर स्थानीय या मजिस्ट्रेट कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है. पुलिस के पास भी आरोपी को दंड नोटिस जारी करने की शक्ति होती है. वहीं, कनाडा की आपराधिक संहिता की धारा-175 अपमानजनक या अश्लील भाषा का इस्तेमाल करके सार्वजनिक स्थान या उसके नजदीक अशांति पैदा करना अपराध है. ब्रिटेन में अभद्र भाषा का इस्तेमाल आपराधिक हरकत नहीं है. हालांकि, इसे अपराध का घटक माना जाता है. वेल्स में अभद्र भाषा का इस्तेमाल उत्पीड़न, चिंता या परेशानी का कारण माना जाता है. इसे सार्वजनिक आदेश अधिनियम 1986 की धारा-5(1) और (6) के तहत अपराध माना जा सकता है.
अमेरिका में गाली देने पर नहीं चलाया जा सकता केस
अमेरिका में अदालतों ने फैसला सुनाया है कि सरकार के पास केवल अपशब्दों के इस्तेमाल के लिए किसी पर मुकदमा चलाने का अधिकार नहीं है. वहां इसे अभिव्यक्ति की आजादी के उनके अधिकार का उल्लंघन माना जाता है. वहीं, दंगे भड़काने, लोगों को परेशान करने या शांति भंग करने के लिए गाली-गलौज को आपराधिक हरकत माना जाता है. उत्तरी कैरोलिना के 2011 में आए एक कानून ने किसी भी सार्वजनिक सड़क या राजमार्ग पर अभद्र भाषा का इस्तेमाला गैरकानूनी बना दिया था, जिसे असंवैधानिक करार दिया गया था. मर्टल बीच ने 2015 में एक अध्यादेश पारित कर अभद्र भाषा को 500 डॉलर तक के जुर्माने और 30 दिन की जेल के साथ दंडनीय बना दिया था.
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