नई दिल्ली। एक तरफ मॉस्को में तालिबान(Taliban) के नेता पहुंचे हैं और उनके साथ भारत(India), पाकिस्तान(Pakistan), ईरान(Iran) के अलावा रूस(russia) की बातचीत चल रही है. दूसरी तरफ गुरुवार को अचानक पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Pakistani Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद(ISI chief Lt Gen Faiz Hameed) काबुल पहुंचे. पाकिस्तानी विदेश मंत्री और आईएसआई चीफ का यह दौरा पहले से सार्वजनिक नहीं किया गया था. कई राजनीतिक विश्लेषकों के लिए यह हैरान करने वाला है कि मॉस्को फॉर्मेट के बीच यह दौरा किसी खास प्रयोजन का हिस्सा तो नहीं है.
‘अफगानिस्तान को पहुंचा रहे हैं मदद’
कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों की सुविधा के लिए पाकिस्तान द्वारा अफगान नागरिकों, विशेष रूप से व्यापारिक समुदाय को वीजा की सुविधा, बॉर्डर प्वाइंट्स को खोलने जैसे कुछ काम हैं जो पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लिए हाल के कुछ दिनों में किए हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के साथ मिलकर क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए रचनात्मक भूमिका निभाने का संकल्प लेता है.
इस बैठक के दौरान अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय हित के मामलों, व्यापार सहित आर्थिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ अफगान लोगों को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के विभिन्न विकल्पों पर भी विचार किया गया. अफगानिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री ने भी अफगानिस्तान को समय पर मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए पाकिस्तानी प्रशासन को धन्यवाद दिया. गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के तुरंत बाद भी आईएसआई चीफ फैज हमीद अफगानिस्तान पहुंचे थे. इस दौरे के तुरंत बाद ही तालिबान ने अपनी सरकार का ऐलान कर दिया था.
‘पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान के साथ खड़ा है’
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ‘विदेश मंत्री की यात्रा दर्शाती है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान को निरंतर अपनी नीतियों से सपोर्ट कर रहा है. इसके अलावा पाकिस्तान द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को भी गहरा करने की लगातार कोशिशें कर रहा है. इस बयान में कहा गया है, विदेश मंत्री इस यात्रा का भरपूर उपयोग करेंगे और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के मुद्दों पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण को साझा करेंगे. एक करीबी पड़ोसी के रूप में, पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहा है, और कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत व्यापार और पैदल यात्रियों के लिए बॉर्डर प्वाइंट्स को खुला रखा है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी और आईएसआई चीफ फैज हमीद का ये दौरा ऐसे वक्त में हुआ है जब पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच प्रमुख व्यापार मार्ग चमन बॉर्डर पिछले दो हफ्ते से ज्यादा समय से बंद है. इससे अफगानिस्तान के निर्यातकों और व्यापारियों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. इसके अलावा, पाकिस्तान की इंटरनेशनल एयरलाइंस ने भी पिछले हफ्ते काबुल के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी थीं. एयरलाइंस ने तालिबान अधिकारियों पर स्टाफ को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. दूसरी तरफ, तालिबान ने एयरलाइंस को धमकी दी थी कि अगर वह किराया कम नहीं करती है तो फिर फ्लाइट्स पर बैन लगा दिया जाएगा.
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