मुंबई। भारत अपना 78 वां स्वतंत्रता दिवस (India celebrates its 78th Independence Day) मना रहा है. 15 अगस्त 1947 का वो दिन जब भारत ने पहली बार एक राष्ट्र के रूप में आजादी की सांस ली थी. लेकिन आजादी के साथ ही भारतवर्ष के दो टुकड़े भी हो गए थे. एक भारत (India)और दूसरा धर्म के आधार पर बना पाकिस्तान. अंग्रेजों ने भारत के ऊपर 200 सालों से भी ज्यादा तक हुकूमत की थी. भारत अपने ही देश में गुलामी की जंजीरों में बंधा हुआ था. देश को आजाद कराने के लिए सैकड़ों क्रांतिकारी फांसी के तख्ते पर झूल गए थे. हजारों घर तबाह हुए और लाखों लोगों की जान गई थी.
विभाजन समझौते के अनुसार, पाकिस्तान को ब्रिटिश भारत की संपत्ति और देनदारियों को 17 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा मिला था. रिपोर्ट के अनुसार उस समय भारत के पास करीब 400 करोड़ रुपये थे. पाकिस्तान के हिस्से में 75 करोड़ रुपये आए, वहीं पाकिस्तान को 20 करोड़ रुपये की कार्यशील राशि भी देने को कहा.
कोलकाता में चल रहे थे पाकिस्तानी सिक्के
विभाजन परिषद ने दोनों देशों को 31 मार्च 1948 तक मौजूदा सिक्कों और मुद्रा को जारी रखने और पाकिस्तान में 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 1948 के बीच नए सिक्के और नोट जारी करने का फैसला सुनाया था. हालांकि, उसके बाद भी पुरानी मुद्रा चलन में रखने की बात कही गई थी. इसी कारण बंटवारे के 5 साल बाद भी पाकिस्तानी सिक्के कोलकाता में चल रहे थे और पाकिस्तान सरकार लिखे आरबीआई के नोट पाकिस्तान में चल रहे थे.
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