नई दिल्ली: पाकिस्तान के पास एक से बढ़कर एक बल्लेबाज हैं. उसके पास तेज रफ्तार गेंदबाज हैं लेकिन इसके बावजूद इस टीम की हालत वर्ल्ड कप 2023 में काफी खराब रही. पहले दो मैच जीतने के बाद पाकिस्तान ने लगातार चार मैच गंवा दिए. उसे अफगानिस्तान ने भी हरा दिया और अब इस टीम के लिए वर्ल्ड कप 2023 में सफर लगभग खत्म हो चुका है. न्यूजीलैंड की श्रीलंका पर जीत के बाद अब पाकिस्तान का सेमीफाइनल में पहुंचना नामुमकिन लग रहा है. पाकिस्तान को अपने आखिरी मैच में इंग्लैंड को एक असंभव अंतर से हराना है तभी वो सेमीफाइनल के बारे में सोच सकती है. जाहिर तौर पर अपनी टीम के खराब प्रदर्शन से पाकिस्तानी फैंस निराश हैं. उन्हें उम्मीद थी कि बाबर एंड कंपनी कम से कम सेमीफाइनल तक तो पहुंचेगी लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है. वैसे पाकिस्तानी फैंस की ये निराशा अगले कई सालों तक बरकरार रह सकती है. आइए आपको बताते हैं ऐसा क्यों है?
पाकिस्तान की टीम में टैलेंट की कोई कमी नहीं लेकिन इस टीम के अंदर पांच ऐसी दिक्कतें हैं जो उसे आने वाले वर्ल्ड कप या आईसीसी टूर्नामेंट में चैंपियन नहीं बनने देंगी. आइए आपको बताते हैं वो पांच वजह जिसकी वजह से पाकिस्तान का बड़े टूर्नामेंट्स खासतौर पर वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन करना नामुमकिन है.
अगर आपकी सोच अच्छी है तो आपके नतीजे भी अच्छे होंगे. और अच्छी सोच के लिए बेमिसाल लीडरशिप की जरूरत होती है और पाकिस्तान के पास यही नहीं है. बाबर आजम को पाकिस्तान ने कप्तान तो बना दिया लेकिन उनकी कप्तानी में कई ऐसी खामियां हैं जिसकी वजह से टीम को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. अगर पाकिस्तान को शुरुआत में विकेट्स मिलते हैं तो मिडिल ओवर्स में कप्तान ऐसा फैसला लेते हैं जिसके बाद विरोधी से प्रेशर हट जाता है. इस वर्ल्ड कप में कई बार ऐसा देखने को मिला. खासतौर पर अफगानिस्तान और साउथ अफ्रीका के खिलाफ बाबर आजम ने कुछ ऐसे फैसले लिए जिसकी वजह से पाकिस्तान को मैच गंवाना पड़ा. टीम इंडिया ने इस वर्ल्ड कप में क्यों एक भी मैच नहीं गंवाया है. इसमें खिलाड़ियों का योगदान तो है ही साथ में रोहित शर्मा की कप्तानी और उनकी सोच भी इसकी वजह है.
पाकिस्तानी टीम की बड़ी दिक्कत उसका क्रिकेट बोर्ड ही है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में इतने बदलाव होते हैं कि कोई भी कप्तान या खिलाड़ी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता. हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का चेयरमैन बदला. रमीज राजा की जगह जका अशरफ पीसीबी चीफ बने और फिर बाबर आजम के खिलाफ कई खबरें मीडिया में आने लगीं. माना जाता है कि जका अशरफ से बाबर आजम को पूरा समर्थन नहीं है और वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन के बाद अब बाबर की कप्तानी भी जा सकती है. वहीं दूसरी ओर बीसीसीआई अपने कप्तान को पूरी तरह बैक करती है और जब कप्तान-खिलाड़ियों में सुरक्षा का भाव होता है तो वो बेहतर प्रदर्शन करते हैं.
कोई भी टीम टूर्नामेंट में तभी अच्छा प्रदर्शन करती है जब उसका हर खिलाड़ी जीत के लिए जान लड़ाता है. अब अगर टीम में फूट होगी तो उसका चैंपियन बनना बहुत मुश्किल होता है. पाकिस्तान की टीम में बाहर से देखने पर सबकुछ सही लगता है. लेकिन पाकिस्तानी क्रिकेट एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शाहीन और बाबर के बीच सबकुछ सही नहीं है. हाल ही में शाहीन अफरीदी के भाई ने बाबर के खिलाफ की गई पोस्ट को लाइक किया था. वहीं शाहीन अफरीदी के ससुर और पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी भी अजीब बयान देते रहते हैं. ऐसा लगता है कि मानो वो बाबर की जगह शाहीन को पाकिस्तानी टीम का कप्तान देखना चाहते हैं.
वर्ल्ड कप जैसा टूर्नामेंट जीतने के लिए आपकी टीम में बैलेंस बहुत जरूरी है. लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं दिखाई देता है. नसीम शाह की चोट के बाद पाकिस्तान की पेस बॉलिंग ही लड़खड़ा गई. पाकिस्तान के पास बल्लेबाज अच्छे हैं लेकिन उसे पावर हिटर्स की कमी साफतौर पर महसूस हुई. स्पिन बॉलिंग डिपार्टमेंट में भी पाकिस्तान के पास विकेट-टेकिंग ऑप्शन नहीं थे. शादाब और मोहम्मद नवाज मिडिल ओवर्स में विकेट नहीं ले सके. साफ है पाकिस्तान को अपनी टीम के संतुलन पर ध्यान देना होगा. तभी ये टीम अच्छा प्रदर्शन कर पाएगी.
क्रिकेट तकनीक का खेल जरूर है लेकिन इसमें कामयाब होने के लिए आपको मानसिक तौर पर मजबूत होना भी जरूरी है. बड़े मंच पर बड़ी टीम के खिलाफ मुश्किल हालात में कैसे अच्छा प्रदर्शन करना है ये पाकिस्तानी टीम को सीखना होगा. विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी ये कुछ ऐसे नाम हैं जो दबाव में बिखरते नहीं निखरते हैं. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की टीम दबाव में बिखर जाती है. इसमें बाबर आजम जैसा बड़ा नाम भी शामिल है. पाकिस्तानी टीम को अपने खिलाड़ियों की मेंटल कंडिशनिंग पर काम करना होगा. अगर ऐसा ही हाल रहा तो फिर पाकिस्तानी फैंस अपनी टीम को वर्ल्ड कप के मंच पर इसी तरह से हारने की आदत डाल लें.
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