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    पाकिस्तान को आज मिल जाएगा कार्यवाहक प्रधानमंत्री, 9 अगस्त को भंग कर दी गई थी संसद

  • August 12, 2023

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सियासी हलचलें हर समय चलती रहती हैं। इन्हीं हलचलों में से के 9 अगस्त को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। अब उन्होंने निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए शनिवार तक नाम तय करने को कहा है, जिसका तात्पर्य है कि दोनों नेताओं को इस पद के लिए आज ही किसी नेता का नाम चुनना है।

    ‘कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले गठबंधन साझेदारों को विश्वास में लिया जाएगा’
    नेशनल असेंबली के नौ अगस्त को भंग होने के बाद शरीफ और रियाज ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए बैठकों का दौर शुरू किया है। शरीफ ने शुक्रवार को कहा था कि वह और रियाज शनिवार तक इस पद के लिए किसी नेता का नाम तय कर लेंगे और इस राजनीतिक विचार-विमर्श में पूर्व गठबंधन दलों को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा था, ‘‘कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले गठबंधन साझेदारों को विश्वास में लिया जाएगा।’’ शरीफ ने कहा कि उन्हें शुक्रवार को रियाज से मिलना था, लेकिन किन्हीं कारणों से यह मुलाकात नहीं हो पाई। शरीफ ने कहा कि वह और रियाज शनिवार को मिलेंगे।


    राष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली को नौ अगस्त को भंग कर दिया था
    शरीफ और रियाज को लिखे पत्र में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली को नौ अगस्त को भंग कर दिया था। राष्ट्रपति ने कहा कि अनुच्छेद 224 ए के तहत शरीफ और रियाज को नेशनल असेंबली भंग किए जाने के तीन दिन के भीतर अंतरिम प्रधानमंत्री के पद पर किसी नेता का नाम प्रस्तावित करना है। पत्र में कहा गया है, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 224(1ए) के प्रावधान के तहत राष्ट्रपति निवर्तमान प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय असेंबली में निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष के परामर्श से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं।’’

    आज तक प्रस्तावित करना है नाम
    अल्वी ने शहबाज शरीफ और रियाज को कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम 12 अगस्त से पहले प्रस्तावित करने का निर्देश दिया। संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री और विपक्ष के निवर्तमान नेता के पास अंतरिम प्रधानमंत्री पद पर किसी नेता का नाम तय करने के लिए तीन दिन का समय है। यदि दोनों किसी नाम पर सहमत नहीं होते हैं, तो मामला संसदीय समिति को भेजा जाएगा और यदि समिति भी कोई निर्णय लेने में विफल रहती है तो पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के पास उसे साझा की गई सूची में से कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम चुनने के लिए दो दिन का समय होगा।

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