img-fluid

पाकिस्‍तान चलेगा IMF के इशारों पर, बेहाल अर्थव्‍यवस्‍था के बाद भी जनता से और ज्यादा टैक्स वसूलेगी सरकार

  • March 23, 2025

    नई दिल्‍ली । पाकिस्तान (Pakistan) की कंगाली अब किसी से छिपी नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था (Economy) आईसीयू में पड़ी है और आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) की सख्ती ने इसे और मुश्किल में डाल दिया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ (IMF) ने पाकिस्तान के अगले बजट में 15,000 अरब रुपये से ज्यादा के टैक्स का प्रस्ताव रखा है, जिससे जनता पर और बोझ बढ़ने वाला है।

    आईएमएफ ने पाकिस्तान को फिर दिखाई औकात
    आईएमएफ ने पाकिस्तान की विशेष निवेश सुविधा परिषद को साफ शब्दों में कह दिया है कि वो चाघी-ग्वादर रेलवे ट्रैक जैसी महंगी अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं पर टैक्स छूट न दे। इसका सीधा मतलब ये है कि पाकिस्तान अब निवेशकों को कोई लुभावने ऑफर नहीं दे सकता, क्योंकि आईएमएफ को डर है कि कहीं इसका असर उसकी उधारी पर न पड़ जाए। पाकिस्तानी मीडिया चैनल एआरवाई न्यूज के मुताबिक, आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल ने सख्त लहजे में कहा है कि विदेशी निवेश पर टैक्स छूट से देश का राजस्व बुरी तरह प्रभावित होगा। पाकिस्तान की हालत ऐसी हो गई है कि अब उसे अपना बजट भी आईएमएफ की मर्जी से बनाना पड़ रहा है।

    महंगाई का नया झटका
    आईएमएफ चाहता है कि पाकिस्तान अपने टैक्स-जीडीपी अनुपात को बढ़ाकर 13% टैक्स और गैर-टैक्स राजस्व से 2,745 अरब रुपये जुटाए। इसका सीधा मतलब ये है कि पाकिस्तानी हुकूमत अब जनता से और ज्यादा टैक्स वसूलेगी। ऊपर से, सरकार इस भ्रम में जी रही है कि अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 4% से ज्यादा बढ़ेगी।


    खाड़ी देशों से भीख मांगने की कोशिश बेकार
    पाकिस्तान ने खाड़ी देशों से चाघी-ग्वादर रेलवे ट्रैक परियोजना में निवेश टैक्सने की अपील की थी, लेकिन आईएमएफ ने इस पर भी पानी फेर दिया। साफ तौर पर पाकिस्तान की हुकूमत अब पूरी तरह से बेबस हो चुकी है और आईएमएफ के इशारों पर नाचने को मजबूर है।

    जनता की कमर टूटने को तैयार
    पाकिस्तान ने वित्तवर्ष 2024-25 के लिए 12.97 हजार अरब रुपये का टैक्स संग्रह लक्ष्य रखा था, लेकिन संघीय राजस्व बोर्ड इसे पूरा करने में बुरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। जुलाई से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष में किसी भी तरह की टैक्स वृद्धि का सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा, जो पहले से ही महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रही है।

    पाकिस्तान की बदहाली का अंत नजदीक?
    हालात साफ बता रहे हैं कि पाकिस्तान का दिवालिया होना तय है। अब ना उसके पास कोई ठोस रणनीति है, ना कोई आर्थिक सुधार की योजना। ऊपर से आईएमएफ की कड़ी शर्तों ने उसकी रही-सही इज्जत भी छीन ली है।

    Share:

    जनता जातिवादी नहीं होती, बल्कि नेता होते हैं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की खरी-खरी

    Sun Mar 23 , 2025
    अमरावती. केंद्रीय मंत्री (Union Minister) और वरिष्ठ भाजपा नेता (BJP leader) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एक बार फिर बेबाक बयान दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि लोग जातिवादी (casteist) नहीं होते, बल्कि नेता अपने स्वार्थ के लिए जातिवादी होते हैं। यहां एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पिछड़ापन राजनीतिक […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved