नई दिल्ली: अमेरिका ने भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को चेतावनी दी है. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पाकिस्तान की नजदीकियों बीते कुछ दिनों में ईरान से बढ़ती जा रही हैं. द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए ईरानी राष्ट्रपति सैय्यद इब्राहिम रायसी की पहली इस्लामाबाद यात्रा आज ही खत्म हुई. इस दौरान पाकिस्तान और ईरान द्वारा गैस पाइपलाइन सहित ई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. जिसका अमेरिका विरोध कर रहा है.
अमेरिका ने पाकिस्तान को इस संबंध में चेतावनी दी. साथ ही यह भी कहा कि वह पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है और उसे क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा भागीदार के रूप में देखता है. बुधवार को संपन्न हुई रायसी की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान ईरान और पाकिस्तान ने आने वाले वर्षों में व्यापार को 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने की कसम खाते हुए आठ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल से रायसी की पाकिस्तान यात्रा और दोनों देशों के बीच गैस पाइपलाइन के बारे में पूछा गया. उन्होंने कहा, ‘मैं मोटे तौर पर कहना चाहता हूं… हम ईरान के साथ व्यापारिक सौदों पर विचार करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधों के संभावित जोखिम के बारे में जागरूक रहने की सलाह देते हैं.’ पटेल ने मंगलवार को ब्रीफिंग में कहा, लेकिन अंततः, पाकिस्तान सरकार अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों के बारे में बात कर सकती है.
पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री डॉ. मुसादिक मलिक ने बीते महीने कहा था कि सरकार ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट की मांग करेगी. प्रस्तावित 2,775 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन में पाकिस्तान की ऊर्जा आपूर्ति को सीधे ईरान के प्रचुर गैस भंडार से जोड़ने की योजना है. हालांकि ईरान पर प्रतिबंध और पाकिस्तान के भीतर वित्तीय बाधाओं के कारण परियोजना को काफी देरी का सामना करना पड़ा है.
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