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    बालाकोट एयरस्ट्राइक के बारे में सबसे पहले पाकिस्तान को बताया, PM मोदी ने खोला सीक्रेट

  • April 30, 2024

     


    नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बालाकोट (Balakot) एयरस्ट्राइक (airstrik) को लेकर एक अनकही कहानी का खुलासा किया है. पीएम मोदी ने बताया है कि कैसे उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक की जानकारी आधिकारिक तौर पर सबसे पहले पाकिस्तान (Pakistan) को मिले. यह दावा करते हुए कि मोदी पीछे से हमला करने में विश्वास नहीं करता है बल्कि और खुले तौर पर आमने-सामने लड़ने में यकीन रखता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने बालाकोट हवाई हमलों के बारे में जानकारी किसी से नहीं छिपाई और हमलों के बाद दुश्मनों को हुए नुकसान के बारे में देश को जानकारी दी.


    कर्नाटक के बागलकोट में पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैंने सुरक्षा बलों से कहा था कि वे मीडिया को बुलाकर इसकी सूचना दें. मैंने कहा था कि मैं टेलीफोन के माध्यम से पाकिस्तान को रात में बालाकोट हवाई हमले और उससे हुई तबाही के बारे में सूचित करूंगा, लेकिन पाकिस्तान के लोग फोन पर नहीं आए. इसलिए मैंने सुरक्षा बलों से इंतजार करने को कहा और उन्हें सूचित करने के बाद हमने रात के दौरान हुए हवाई हमलों के बारे में दुनिया के सामने खुलासा किया.’

    दरअसल, पीएम मोदी ने यह रहस्योद्घाटन उत्तरी कर्नाटक के बागलकोट के नवानगर में एक रैली में किया था. जब पीएम मोदी ने पड़ोसी देश को फोन किया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मैंने तब सुरक्षा बलों को निर्देश दिया था कि जब तक मैं उनसे (पाकिस्तान) संपर्क करने में कामयाब न हो जाऊं, तब तक बालाकोट एयरस्ट्राइक का खुलासा न हो.’ उन्होंने कहा कि मोदी न तो चीजों को छिपाता है और न ही छिप कर वार करता है और वह जो करता है, खुलकर करता है.

    बता दें कि साल 2019 में पुलवामा आतंकी हमले का जवाब भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक करके दिया था. पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के लड़ाकू विमानों ने 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर हमला किया था और आसमान से बमवर्षा कर कैंप को तबाह कर दिया था और कई आतंकी मारे गए थे. इससे पहले 14 फरवरी को पुलवामा अटैक में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे.

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