नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan) के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी (President Dr Arif Alvi) ने इस्लामोफोबिया (Islamophobia) को लेकर एक बार फिर भारत (India) के खिलाफ जहर उगला है. उन्होंने पाकिस्तान में तुर्की (Turkey) के राजदूत एहसान मुस्तफा युरदकुल से बात करते हुए कहा कि दुनियाभर में, खासकर भारत में इस्लामोफोबिया बढ़ रहा है. पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों (Muslims) को जबरन डराया-धमकाया जा रहा है, उनके घरों और मस्जिदों को तोड़ा जा रहा है और उनके धार्मिक प्रतीकों और पवित्र व्यक्तित्वों का उपहास किया जा रहा, उनका अपमान किया जा रहा है.
द नेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, युरदकुल ने गुरुवार को पाकिस्तानी राष्ट्रपति से इस्लामाबाद स्थित राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की, जिस दौरान दोनों ने इस्लामोफोबिया और भारत के कश्मीर पर चर्चा की.
आरिफ अल्वी ने 15 मार्च को इस्लामोफोबिया के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस की घोषणा किए जाने को लेकर कहा कि तुर्की और पाकिस्तान ने अन्य मुस्लिम देशों के साथ मिलकर इस्लामिक सहयोग संगठन और संयुक्त राष्ट्र महासभा आदि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसकी वकालत की जो सफल हुआ. उन्होंने कहा कि इस दिवस की घोषणा से इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने में मदद मिलेगी.
कश्मीर विवाद पर तुर्की से क्या बोला पाकिस्तान?
पाकिस्तान मौके-बे-मौके कश्मीर का राग अलापता रहता है. तुर्की राजनयिक के साथ बातचीत में भी पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कश्मीर का मुद्दा छेड़ा. कश्मीर पर पाकिस्तान को तुर्की के समर्थन के लिए अल्वी ने राजदूत से आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और संयुक्त राष्ट्र के पुनर्गठन के मुद्दे पर दोनों देशों के विचार समान हैं.
तुर्की के राष्ट्रपति ने भी कश्मीर मुद्दे पर दिया था पाकिस्तान का साथ
इस महीने की शुरुआत में जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तुर्की की यात्रा पर गए थे तब भी दोनों देशों ने मिलकर कश्मीर का मुद्दा उछाला था.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वो चाहते हैं कि दशकों पुराने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप सुलझाया जाए. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कश्मीर मुद्दे पर तुर्की के समर्थन के लिए एर्दोआन का आभार जताया था.
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