इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) की हालत बिगड़ (Economic Crisis) चुकी है. कंगाली के कगार (verge of poverty) पर खड़े इस देश फंड की शख्त (fund strictness) जरूरत है. आर्थिक व्यवस्था डगमगाने (economic system is in disarray) से महंगाई भी रिकॉर्ड (Inflation also breaks records) तोड़ रही है. सब्जियों से लेकर पेट्रोल-डीजल की कीमत (Petrol Diesel Price)उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है, जिस कारण यहां रहने वाले लोगों का बजट भी खत्म होने के कगार पर है।
इस स्थिति के बीच अब पाकिस्तान को सिर्फ IMF से उम्मीद बची है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की बैठक पाकिस्तान को फंड जारी करने के लिए 11 जनवरी को होने वाली है. ऐसे में कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान को इसी महीने 700 मिलियन डॉलर यानी 70 करोड़ डॉलर रुपये मिलने की उम्मीद है. इस फंड से पाकिस्तान को बड़ी मदद मिल सकती है।
पाकिस्तान को मंजूरी का इंतजार
समाचार पत्र डॉन ने बताया कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) बोर्ड पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर के बेलआउट फंड में से 70 करोड़ डॉलर की मंजूरी का इंतजार है. बोर्ड के साथ बैठक के बाद पाकिस्तान को यह फंड मिल सकता है. हालांकि रिपोर्ट का मानना है कि IMF संभावित तौर पर अंतिम मंजूरी देने के लिए तैयार है. बैठक 8, 10 और 11 जनवरी को होगा. पाकिस्तान के लिए 3 अरब डॉलर बेलआउट फंड में से 1.8 अरब डॉलर की रकम बची हुई है।
IMF को जुलाई में दिया गया था फंड
पाकिस्तान को पहले भी IMF ने फंड जारी किया था. 3 अरब डॉलर बेलआउट फंड में से 1.2 अरब डॉलर पिछले साल जुलाई में जारी किया गया था. इसके साथ ही आईएमएफ ने कुछ शर्त भी रखी थी, जिसको पूरा करने के लिए इलेक्ट्रिकसिटी और अन्य चीजों पर टैक्स लगा दिया गया था. वहीं नए फंड जारी करने के संबंध में आईएमएफ कर्मचारियों और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच एक समझौता नवंबर 2023 में हुआ था, जिसे इस महीने जारी किया जा सकता है।
इस देश की भी कर चुका है मदद
गौरतलब है कि IMF ने इससे पहले श्रीलंका को कर्ज दिया था, ताकि श्रीलंका की आर्थिक स्थिति संभल सके. आईएमएफ ऐसी संस्था है, जो परेशानी में पड़े हुए देश की मदद करता है. बता दें कि आईएमएफ की मांगों को पूरा करने से पाकिस्तान को मित्र देशों के साथ-साथ अन्य बहुपक्षीय कर्जदातओं से फंड मिला था।
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