इस्लामाबाद (islamabad) । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में जी-20 के टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग (Tourism working group meeting) को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) बिफरा हुआ है। इस मामले में उसे चीन, सऊदी अरब और तुर्की का जैसे देशों का साथ मिला है, जो इसमें हिस्सा नहीं ले रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Foreign Minister Bilawal Bhutto) ने जी-20 के बहाने फिर से कश्मीर राग अलापा है। बिलावल ने कहा कि भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर में जी-20 मीटिंग का आयोजन करना संयुक्त राष्ट्र में किए गए वादे का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों को खारिज करके भारत दुनिया में अहम भूमिका अदा नहीं कर सकता।
बिलावल भुट्टो के बयान से जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की हताशा साफ नजर आई। बिलावल भुट्टो का कहना है कि वह पाक के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के बाग जिले में एक रैली में भी हिस्सा लेंगे। यह रैली भारत के फैसले के खिलाफ ही की जा रही है। इससे पहले गोवा में एससीओ की मीटिंग के दौरान भी बिलावल भुट्टो जरदारी ने कश्मीर का राग अलापते हुए कहा था कि दोनों देशों के बीच रिश्ते उस वक्त से ही बिगड़े हैं, जब से भारत ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया था।
हालांकि भारत ने बिलावल भुट्टो जरदारी की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा था कि वह आतंकवाद के प्रवक्ता के तौर पर भारत आए हैं। इससे पहले भी तुर्की ने कई बार जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान के ही सुर में सुर मिलाया था। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र में भी कई बार चेतावनी मिलने के बाद भी उसने जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया था। गौरतलब है कि भारत ने इसके बाद भी तुर्की को भूकंप आने पर मदद की थी और ऑपरेशन दोस्त चलाकर बड़े पैमाने पर राहत सामग्री पहुंचाई है।
क्यों मुसीबत में भी कश्मीर का ही राग अलाप रहा पाकिस्तान
गौरतलब है कि पाकिस्तान इन दिनों भीषण राजनीतिक और आर्थिक संकट से गुजर रहा है। उसके पास महज 4 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार शेष है, लेकिन उसके बाद भी वह कश्मीर के मसले पर भारत को घेरने से बाज नहीं आ रहा है। दरअसल इसके पीछे वजह यह है कि पाकिस्तान की सेना और सरकारें किसी भी संकट में घिरने पर कश्मीर का राग शुरू कर देती हैं ताकि लोगों को अपने पक्ष में लाया जा सके।
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