इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के सिंध (Sindh) प्रांत के गवर्नर (Governor) कामरन टेसोरी (Kameron Tesori) ने बुधवार को बेबुनियाद आरोप लगाया कि बलूचिस्तान (Balochistan) में हाल में हुए घातक हमलों के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और पड़ोसी अफगानिस्तान (Afghanistan) का हाथ है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूद रॉ का सेटअप पाकिस्तान में आतंकवादियों को मदद कर रहा है। पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, टेसोरी ने कहा कि ‘हमारे खिलाफ यह साजिश दो जगहों से रची जा रही है। यह अफगानिस्तान में मौजूद रॉ से जुड़ी हुई है और सभी गतिविधियां (हमले) अफगानिस्तान में रॉ के सेटअप के जरिए पाकिस्तान में की जा रही हैं।’
रॉ के खिलाफ उगला जहर
उन्होंने हमला करने वालों को अराजकतावादी बताया जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और उसके सशस्त्र बलों के पीछे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि सऊदी निवेश, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के विकास या यूएई और तुर्की जैसे देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों में सुधार होता है, ये हमले बढ़ जाते हैं। टेसोरी ने भारतीय खुफिया एजेंसी के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा कि ‘RAW नहीं चाहती कि सीपीईसी परियोजनाएं पाकिस्तान में पूरी हों। वे नहीं चाहते कि पाकिस्तान पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में सुधार करे।’
बलूचिस्तान में बड़ा हमला
पिछले सप्ताह के आखिर में बलूचिस्तान में आजादी के समर्थक विद्रोहियों ने बड़ा हमला किया था। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने बताया था कि हमलों 38 मासूमों की जान गई। वहीं, पाकिस्तानी सेना ने बताया कि विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई में सुरक्षाबलों के 14 जवान मारे गए थे। बलूच अलगाववादियों ने एक राजमार्ग पर कब्जा कर लिया था, जिसमें 23 लोगों को मार दिया गया था। बलूच विद्रोहियों ने इन सभी को सेना या सुरक्षाबलों का जवान बताया था। बलूच विद्रोहियों ने दावा किया था कि उन्होंने अलग-अलग हमलों में 60 से अधिक लोगों को मारा है।
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बलूच विद्रोहियों का हाल के वर्षों में यह सबसे बड़ा हमला है। मंगलवार की रात बलूच विद्रोहियों ने एक और महत्वपूर्ण राजमार्ग पर कब्जा करने का प्रयास किया लेकिन पाकिस्तानी सुरक्षबलों के हस्तक्षेप के बाद उन्हें पीछे हटना पड़ा। बलूच नेशनलिस्ट पाकिस्तान से अलग होकर बलूचिस्तान को अलग देश बनाना चाहता हैं। बलूचिस्तान बंदरगाह, सोने और तांबे की खदान और चीनी नेतृत्व वाली परियोजनाओं के चलते पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है।
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