पेशावर: पाकिस्तान (Pakistan) के पेशावर (Peshawar) शहर में अज्ञात बंदूकधारियों ने सिख समुदाय (Sikh community) के एक व्यक्ति की शनिवार देर शाम गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने इस सिलसिले में रविवार को कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया. हालांकि हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह (Isalamic State) ने कहा कि मनमोहन सिंह एक “बहुदेववादी” सिख संप्रदाय के अनुयायी थे.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक मनमोहन सिंह की कुछ हथियारबंद लोगों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब वह पेशावर के उपनगरीय इलाके रशीद गढ़ी से कहीं जा रहे थे. घटना यक्का तूत पुलिस थाना क्षेत्र के गुलदारा चौक ककशल के पास हुई. 29 वर्षीय मनमोहन सिंह गुरुद्वारा भाई जोगा सिंह से 5 मिनट की पैदल दूरी पर रशीद गढ़ी चौक के पास कॉस्टमेटिक का सामान बेचते थे. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ लक्षित हमलों की यह ताजा घटना है.
पुलिस ने बताया कि मनमोहन सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. बताते चलें कि पाकिस्तान के पेशावर शहर में पिछले 48 घंटों में यक्का तूत इलाके में किसी सिख व्यक्ति पर हमले की यह दूसरी घटना घटित हुई है. इससे पहले शुक्रवार (23 जून) को पैरों में गोली लगने से एक सिख व्यक्ति घायल हो गया था. वहीं, मार्च माह में भी अज्ञात हमलावरों ने शहर में एक सिख व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
पेशावर स्थित सिख कार्यकर्ता गुरपाल सिंह ने कहा कि मनमोहन ऑटोरिक्शा से अपने घर जा रहे थे, तभी मोटरसाइकिल सवार आतंकवादियों ने उनके दिल और सिर में गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. रविवार को मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के मौके पर, समुदाय ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) और दुनिया भर के सिखों से उनकी दुर्दशा को उजागर करने और पेशावर में उन्हें बार-बार निशाना बनाने वाले आतंकवादी हमलों के मद्देनजर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का अनुरोध किया.
एपी के मुताबिक आईएस (IS) ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि मनमोहन सिंह पेशावर में “बहुदेववादी” सिख संप्रदाय का अनुयायी था. आईएस ने पिछले दिनों शहर में एक और सिख को भी घायल करने का दावा किया. गुरपाल ने कहा कि पेशावर के 7,000 सिख समुदाय में से 800 लोग पहले ही अपनी जान के डर से ननकाना साहिब (Nankana Sahib) और लाहौर (Lahore) चले गए हैं, जबकि कुछ ने कहीं और शरण ले ली है.
बताते चलें कि पेशावर में रह रहे हजारों सिखों में से ज्यादातर प्रांतीय राजधानी पेशावर के जोगन शाह में रहते हैं. पेशावर में सिख समुदाय के अधिकांश सदस्य व्यवसाय से जुड़े हैं, जबकि कुछ की फार्मेसी भी हैं. पिछले साल सितंबर में पेशावर में एक प्रसिद्ध सिख हकीम की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. सिख हकीम की हत्या उसी के क्लिनिक में कर दी गई थी. इससे पहले साल 2018 में पेशावर में ही सिख समुदाय के एक प्रमुख सदस्य चरणजीत सिंह की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी. इसके दो साल बाद साल 2020 में न्यूज चैनल के एंकर रविंदर सिंह की हत्या कर दी गई थी. वहीं साल 2016 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेशनल असेंबली के सदस्य सोरेन सिंह की भी पेशावर में हत्या कर दी गई थी.
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