लॉस एंजेल्स। पाकिस्तान और उसके आका चीन, दोनों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उस समय करारा झटका लगा जब भारत के कुछ नागरिकों को आतंकवादी घोषित कराने के मंसूबे में वह विफल रहा। सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य अमेरिका, फ़्रांस और इंग्लैंड सहित अस्थायी सदस्य जर्मनी और बेल्जियम ने सबूतों के अभाव में पाकिस्तान की मंशा पर पानी फेर दिया। पाकिस्तान के मददगार चीन बदले की कार्रवाई के अंतर्गत अनेक मौक़ों पर भारत के नागरिकों को आतंकवादी घोषित कराने की कोशिश करता रहा है।
सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी और दो अस्थायी सदस्यों ने यूएनएएससी 1267 नियम के अंतर्गत पाकिस्तान की ओर से भारत के दो नागरिकों अंगरा अप्पाजी और गोविन्दा पटनायक को आतंकवादी घोषित कराए जाने के प्रस्ताव को विफल किया। इससे पूर्व दो अन्य भारतीय वेणु माधव और अजय मिस्त्री को आतंकवादी घोषित कराने के प्रयास किए गए थे। इस प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो का इस्तेमाल किया। असल में पाकिस्तान की कोशिश रही है कि वह किसी तरह अफ़ग़ानिस्तान में भारत की ओर से किए जा रहे विकास कार्यों में रोड़ा लगाए और भारतीय नागरिकों को आतंकवादी घोषित कराने में सफल हो जाए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने ट्वीट करते हुए कहा, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान के आतंकवाद को धार्मिक रंग में रंगने और राजनीतिक लाभ उठाने के प्रयास को बेनक़ाब कर दिया है। इसके लिए पाकिस्तान की नापाक साज़िश को विफल करने वाले देशों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।”
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