इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री (PM) शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने शनिवार को देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मुक्त करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक ऋणदाता आईएमएफ के साथ बेलआउट पैकेज (Bailout package) के लिए अगला समझौता देश के इतिहास (History) का आखिरी समझौता होगा। शनिवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा, “आईएमएफ का मौजूदा कार्यक्रम पाकिस्तान के इतिहास का आखिरी समझौता होगा।” वित्त वर्ष 2024-25 के लिए संघीय बजट के शुभारंभ के बाद प्रधानमंत्री शहबाज के पहले संबोधन का मुख्य आकर्षण विदेशी सहायता और बेलआउट पर पाकिस्तान की निर्भरता को समाप्त करने का उनका संकल्प था। शहबाज ने यह भी कहा कि वह जब भी विदेश जाते हैं तो संबंधित देश से यह नहीं कहते कि मुझे कर्ज चाहिए, वह उनसे इन्वेस्टमेंट की गुजारिश करते हैं।
शहबाज बोले- IMF के साथ यह आखिरी समझौता
सरकार वर्तमान में आईएमएफ के साथ 6 से 8 बिलियन डॉलर के बीच के ऋण के लिए बातचीत कर रही है, क्योंकि पाकिस्तान धीमी गति वाली अर्थव्यवस्था के लिए डिफ़ॉल्ट को रोकने के लिए ऋण कार्यक्रम को सुरक्षित करने का प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि दुनिया में ऐसे देश भी हैं जिन्होंने एक बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से सहायता मांगी और फिर कभी इसकी जरूरत नहीं पड़ी। प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा, “हमने 24 से 25 बार आईएमएफ से संपर्क किया है। मैं आज आपको भरोसा दिलाता हूं कि अगर हम अपने कार्यक्रम और लक्ष्यों पर कायम रहे तो आईएमएफ के साथ अगला समझौता पाकिस्तान के इतिहास का आखिरी समझौता होगा।”
पाकिस्तान के पड़ोसी देशों से आगे निकलने की उम्मीद जताई
उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान स्थिरता और आत्मनिर्भरता के मामले में अपने पड़ोसी देशों से आगे निकल जाएगा। प्रधानमंत्री ने पूरे देश से देश को प्रगति और समृद्धि की ओर ले जाने का आग्रह किया। सरकार राजकोष पर बोझ डालने वाले मंत्रालयों और विभागों को खत्म करेगी प्रधानमंत्री ने राजकोष पर बोझ बनने वाले सभी संस्थानों, मंत्रालयों और विभागों को खत्म करने का भी संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि इस कदम से ही करदाताओं के अरबों रुपये बचेंगे और देश समृद्धि की राह पर आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने शनिवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “ऐसे सभी मंत्रालयों और विभागों को समाप्त करना अपरिहार्य है, जो [राष्ट्र की] सेवा करने के बजाय जनता पर बोझ बन गए हैं।”
लोक निर्माण विभाग पर भड़के शहबाज
शहबाज शरीफ ने कहा, “सरकार का यह प्रमुख दायित्व है कि वह सभी विलासितापूर्ण खर्चों और ऐसे संस्थानों को समाप्त करे, जिनका सार्वजनिक सेवा से कोई लेना-देना नहीं है, जैसे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी)।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में यह विभाग “सबसे कुख्यात” माना जाता है। उन्होंने उक्त विभाग के भत्तों और विशेषाधिकारों की आलोचना की, जिसमें वेतन भी शामिल है, जो उनके अनुसार सालाना 2 अरब रुपये से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए उन्हें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से मिलने वाला धन कई सौ अरब रुपये तक हो सकता है।
डिजिटलाइजेशन की राह पर पाकिस्तान
उन्होंने दावा किया कि यदि विभाग के पास विकास निधि के लिए सौ अरब रुपये का पूल है, तो उसका 50% या उससे भी अधिक भ्रष्टाचार में चला जाता है। शहबाज ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए एक मंत्रिस्तरीय समिति बनाई गई है। उन्होंने राष्ट्र से वादा किया कि वे कुछ महीनों में इस संबंध में सकारात्मक परिणाम लाएंगे। उन्होंने कहा कि इस कदम से न केवल अरबों रुपये की बचत होगी, बल्कि यह पाकिस्तान की समृद्धि की राह में मील का पत्थर भी साबित होगा। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि दुनिया की शीर्ष कंपनियों में से एक को संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) के पूर्ण डिजिटलीकरण का काम सौंपा गया है। एफबीआर के भीतर अक्षम कर्मियों को दरकिनार कर दिया गया है।
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