नई दिल्ली. लगातार अपनी नीतियों की वजह से वैश्विक स्तर पर तमाम आलोचनाएं झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan) ने गुरुवार को एक बड़ा डिप्लोमैटिक ब्लंडर (Diplomatic Blunder) कर दिया. सामने आया है कि पीएम शहबाज शरीफ (PM Shehbaz Sharif) आवास के एंट्री गेट पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने जर्मनी (Germany) की मंत्री (minister) से उनका हैंडबैग मांग लिया. सुरक्षा कर्मियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उनसे बैग छोड़कर पीएम से मिलने जाने को कहा.
इस डिप्लोमैटिक ब्लंडर के कारण जर्मनी की संघीय विकास मंत्री स्वेंजा शुल्ज़े के साथ पीएम शहबाज शरीफ की बैठक लगभग रद्द ही होने वाली थी, लेकिन ऐन मौके पर सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बैग साथ ले जाने की इजाजत दे दी. सोशल मीडिया पर इस डिप्लोमैटिक चूक का वीडियो वायरल है, जिस पर यूजर्स अलग-अलग कॉमेंट कर रहे हैं.
क्या हुई घटना?
जानकारी के मुताबिक, जर्मनी की संघीय विकास मंत्री स्वेंजा शुल्ज़े गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात के लिए पहुंचीं थीं, लेकिन इसी दौरान उनके साथ एक अप्रत्याशित घटना घट गई. असल में प्रधानमंत्री हाउस के एंट्री गेट पर, सुरक्षा गार्डों ने शुल्ज़े से उनका हैंडबैग चेकिंग के लिए सौंपने को कह दिया, उनसे यह बैग छोड़कर पीएम से मिलने के लिए कहा गया. इस पर शुल्ज़े ने बैग देने से इनकार किया और पीछे मुड़कर अपनी कार की ओर जाने लगीं. इस तरह एक बड़ी डिप्लोमैटिक बैठक अचानक रद्द होती, इससे पहले उन्हें अपना हैंडबैग साथ ले जाने की अनुमति मिल गई.
Islamabad: Als Entwicklungsministerin Schulze zu ihrem Termin mit Pakistans Premier Sharif eintrifft, verlangen seine Sicherheitsleute, dass sie ihre Handtasche abgibt.
Schulze dreht um und geht zurück in Richtung Auto.
Plötzlich darf die Handtasche mit rein. pic.twitter.com/tFiSBL73qz
— Andreas Kynast (@andikynast) August 21, 2024
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, जिसमें लोग पाकिस्तान के विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के प्रति मेहमाननवाजी पर सवाल उठाने लगे हैं. शुल्ज़े के साथ हुए इस व्यवहार पर लोगों ने अपनी नाराजगी जताई और आलोचना की. कई लोगों ने कहा कि अगर शुल्ज़े ने वापस जाने का फैसला किया होता, तो इससे पाकिस्तान के चल रहे आर्थिक वार्तालापों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता था.
यूजर्स कर रहे पाकिस्तान की आलोचना
एक सोशल मीडिया यूजर ने इस स्थिति का मजाक उड़ाते हुए कहा, “अगर शुल्ज़े लौट जातीं, तो पाकिस्तान का भीख का कटोरा खाली रह जाता.” वहीं, एक अन्य ने पॉवर बैलेंस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “उन्होंने अपनी ताकत और अधिकार का प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन शुल्ज़े ने उन्हें दिखा दिया कि वे उनके लिए अप्रासंगिक हैं. अगर वे उनके नियमों के अनुसार नहीं खेलते, तो खेल ही नहीं होता. इसलिए उन्हें झुकना पड़ा, उनकी शक्ति का प्रदर्शन उल्टा पड़ गया और उन्हें शर्मिंदा होना पड़ा.”
यह घटना उस राजनयिक दौरे पर एक धब्बा लगा चुकी है, जिसका उद्देश्य जर्मनी और पाकिस्तान के बीच सहयोग को मजबूत करना था. इसने पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
शहबाज शरीफ ने किया जर्मन मंत्री का स्वागत
हालांकि इस चूक की भूल सुधार के बाद जर्मन मंंत्री ने पीएम से मुलाकात की, पीएम शहबाज शरीफ ने इस मीटिंग में पाकिस्तान के सामाजिक-आर्थिक विकास में जर्मनी के लंबे समय से चल रहे समर्थन की सराहना की. प्रेस इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट (पीआईडी) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान और जर्मनी के बीच परस्पर लाभकारी वाणिज्यिक और आर्थिक संबंधों की प्रशंसा की और पाकिस्तान के औद्योगिक विकास में जर्मनी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया.
पाकिस्तान के औद्योगिक विकास में जर्मनी की भूमिका
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पाकिस्तान-जर्मनी साझेदारी को उसके गौरवशाली अतीत में पुनर्जीवित करने की पाकिस्तान की मजबूत इच्छा व्यक्त की. उन्होंने सतत विकास, जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण और आर्थिक विकास के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया और अपनी सरकार की प्राथमिकताओं में आर्थिक पुनरुद्धार के लिए किए जा रहे संरचनात्मक सुधारों को साझा किया.
इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री, योजना मंत्री, आर्थिक मामलों के मंत्री, वाणिज्य मंत्री और आईटी राज्य मंत्री भी शामिल थे.
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