नई दिल्ली: पाकिस्तान बीते काफी महीनों से खराब अर्थव्यवस्था की मार झेल रहा है. वो इससे उबरने के लिए हर तरह के पैंतरे अपना रहा है. चाहे वो IMF से लोन लेने की बात हो या फिर अपने पड़ोसी देशों से कर्ज की गुहार लगाने की. इस बीच उसने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से अपने कराची पोर्ट का सौदा किया था. इसके लिए UAE ने कंगाल पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर का ऑफर दिया, जिसके तहत UAE पोर्ट को अगले 25 साल तक अपने कब्जे में रखता. हालांकि, अब पाकिस्तान ने ऑफर को खारिज कर दिया है.
पाकिस्तान वित्त मंत्रालय ने कम पैसे का हवाला देते हुए ऑफर ठुकरा दिया. पाकिस्तान ने संयुक्त अरब अमीरात के समुद्री मामलों के अधिकारियों से डील के पैसे को बढ़ाने का निर्देश जारी किया था. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के अंतर-सरकारी वाणिज्यिक लेनदेन पर कैबिनेट समिति (CCoIGCT) ने कराची पोर्ट के बल्क और जनरल कार्गो टर्मिनल के डेवलपमेंट के लिए कराची पोर्ट ट्रस्ट (KPT) और अबू धाबी पोर्ट (AD) के बीच 4 से 5 अगस्त के बीच बात विचार हुआ.
पाकिस्तान ने पिछले महीने 2 अतिरिक्त पोर्ट के टर्मिनलों की जिम्मेदारी UAE को सौंपने की बात की थी. इसके लिए उन्होंने फ्रेमवर्क समझौते पर साइन करने की मंजूरी दी थी, जिसके अंतर्गत पोर्ट पर एक नए मल्टी ऑब्जेक्टिव टर्मिनल के डेवलपमेंट का काम करना था. बता दें कि कराची पोर्ट ट्रस्ट से 3.1 अरब डॉलर हर साल कमाता है. इनको ऑपरेट करने पर प्रति वर्ष 67. करोड़ का खर्च आता है. हालांकि पाकिस्तान सरकार ने 2 टर्मिनल के निर्माण के लिए साल 2016 में वर्ल्ड बैंक से कर्ज लिया था, जिसके कारण उसे हर साल 3 अरब रुपये कर्ज के ब्याज में देना पड़ता है. इसके वजह से पोर्ट करीब 57.5 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है.
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