इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने एक साल बाद फिर पुराने मामले को उठाया है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारत द्वारा गलती से सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने की संयुक्त जांच की अपनी मांग दोहराई और एक साल पहले हुई इस घटना पर नई दिल्ली से ‘संतोषजनक प्रतिक्रिया’ मांगी। इस्लामाबाद के विदेश कार्यालय ने राजस्थान के सूरतगढ़ से ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने और 9 मार्च, 2022 को पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरने के एक साल पूरा होने पर एक बयान जारी किया।
हालांकि, भारत ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए भारतीय वायुसेना के तीन अधिकारियों की सेवाओं को पिछले साल अगस्त में समाप्त कर दिया था। एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (COI) के दौरान पता चला था कि उनके द्वारा मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) में विचलन के कारण गलती से मिसाइल दागी गई थी।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि एक वर्ष बीत जाने के बावजूद, भारत सरकार ने इस गंभीर घटना के तथ्यों को सटीक रूप से स्थापित करने के लिए संयुक्त जांच की पाकिस्तान की मांग को स्वीकार नहीं किया है। साथ ही भारत ने अपनी आंतरिक जांच के निष्कर्षों को भी पाकिस्तान के साथ साझा नहीं किया है। विदेश कार्यालय ने आरोप लगाया कि भारत ने एकतरफा और जल्दबाजी में तथाकथित आंतरिक जांच को बंद कर दिया, जिसने भारत में उसके सामरिक हथियारों के लिए मौजूद कमांड और कंट्रोल सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान इस गैरजिम्मेदाराना घटना की संयुक्त जांच की अपनी मांग दोहराता है। आगे कहा गया है कि हम परमाणु वातावरण में मिसाइलों के आकस्मिक या अनधिकृत लॉन्च के खिलाफ सुरक्षा प्रोटोकॉल और तकनीकी सुरक्षा उपायों के संबंध में कई मूलभूत सवालों के संतोषजनक जवाब और स्पष्टीकरण की भी उम्मीद करते हैं।
विदेश कार्यालय ने कहा कि मिसाइल ने मानव जीवन और संपत्ति को खतरे में डाला और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा किया। बता दें कि पिछले साल भी पाकिस्तान ने मांग की थी कि भारत सरकार घटना के बाद इस्लामाबाद द्वारा उठाए गए सवालों का विस्तार से जवाब दे और संयुक्त जांच के लिए उसके आह्वान को स्वीकार करे।
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