इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan ) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) के चरमपंथ के खिलाफ सैन्य अभियान (Military campaign) चलाने को मंजूरी देने का देश के अंदर ही विरोध शुरू हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf.- PTI) और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (Sunni Ittehad Council) ने आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियान का विरोध करने का फैसला किया है। रविवार को पीटीआई ने कहा कि किसी भी तरह का अभियान शुरू करने के पहले संसद को विश्वास में लेना जरूरी है। एक दिन पहले ही शनिवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में नेशनल एक्शन प्लान की शीर्ष समिति की बैठक में देश के भीतर आतंकवाद को खत्म करने के लिए ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम चलाने का फैसला लिया गया था।
पाकिस्तान रक्षा मंत्री का पीटीआई पर निशाना
आतंकवाद विरोधी अभियान को विरोध करने को लेकर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और पीएमएल-एन नेता ख्वाजा आसिफ ने पीटीआई पर हमला बोला है। आसिफ ने पाकिस्तान की संसद में बोलते हुए पीटीआई पर आतंकियों के साथ खड़े होने का आरोप लगाया है। आसिफ ने कहा, पीटीआई सेना के खिलाफ और आतंकवादियों के साथ खड़ी है। उन्होंने हाल ही में ईशनिंदा के मामले में हुई हत्याओं का जिक्र करते हुए कहा, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आवाज दबाई जा रही है। स्वात, सरगोधा और फैसलाबाद में हत्याएं हो रही हैं। धर्म के नाम पर खून-खराबा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
आतंकियों के समर्थन में पीटीआई
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम का फैसला शीर्ष समिति की बैठक में लिया गया था, जिसमें पीटीआई के सदस्य और खैबर पख्तूनख्वा (K-P) के मुख्यमंत्री भी शामिल थे। उन्होंने कहा, हम इस सदन में ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम पर चर्चा करेंगे। अगर पीटीआई को कोई आपत्ति है, तो वे उसे उठा सकते हैं। आज वे आतंकवादियों के समर्थन में और सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। आसिफ ने बताया कि शीर्ष समिति ने पहले से अधूरे ऑपरेशन को जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले को कैबिनेट और फिर संसद में लाया जाएगा।
वहीं, रविवार को नेशनल एसेंबली के दौरान पीटीआई और एसआईसी ने सदन में बोलने का अवसर न दिए जाने पर विरोध जताते हुए संसद से वॉकआउट कर दिया। वॉकआउट के बाद मीडिया से बातचीत में पीटीआई ने जोर देकर कहा कि सेना को ऑपरेशन शुरू करने के पहले संसद के माध्यम से विश्वास हासिल करना चाहिए।
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