इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) इस समय आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है। शनिवार को पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा कि आईएमएफ (IMF) द्वारा निर्धारित कठोर शर्तों को पूरा करने के लिए करों के माध्यम से 215 अरब रुपये (raise 215 billion rupees through taxes) जुटाएंगे।
पाकिस्तानी संसद में बैठक
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) के साथ नेशनल असेंबली में वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर हुई चर्चा की तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन वित्त मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) ने कहा कि पाकिस्तान सभी औपचारिकताओं को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। आईएमएफ का कहना है कि ऋण से पहले इसे पूरा कर लें। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए केवल 215 बिलियन रुपये के अंतिम कर पर सहमति हुई है। इससे देश के गरीब और मध्यम लोगों पर बोझ नहीं पड़ेगा।
पाकिस्तान को अब तक नहीं मिल सकी ऋण राशि
साल 2019 में आईएमएफ कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद पाकिस्तान को छह बिलियन अमेरिकी डॉलर देने के लिए राजी हुआ था। योजना में कई बार दिक्कतें भी आईं, जिस वजह से अभी तक पाकिस्तान को पूरा ऋण नहीं मिल सका है। आईएमएफ के एमडी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच हुई बैठक के बाद संघीय कैबिनेट का एक सदस्य पेरिस से तकनीकी दौर की वार्ता में शामिल हुआ।
खर्चों पर कटौती करेगा पाकिस्तान
नेशनल असेंबली में दोनों पक्षों ने लंबित मुद्दों पर चर्चा की। पाकिस्तान ने बजटीय आंकड़ों पर आईएमएफ के विचारों को मान लिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के खर्चों में 85 अरब रुपये की कटौती करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कटौती का असर प्रस्तावित सालाना बजट, कर्मचारियों के वेतन और पेंशन वृद्धि पर नहीं पड़ेगा। बैठक में पाकिस्तान ने आईएमएफ को आश्वासन दिया है। पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज जारी करने के लिए आईएमएफ की संतुष्टि जरूरी है। बता दें, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में पिछले कई वर्षों से गिरावट आ रही है। पाकिस्तान में इस समय रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल भरा हो गया है।
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