कराची । पाकिस्तान (Pakistan) के कराची (Karachi) में शुक्रवार को भीड़ ने अहमदिया अल्पसंख्यक समुदाय (Ahmadiyya minority community) के पूजा स्थल (worship Places) पर हमला (Attack) कर दिया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। सीनियर पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अहमदिया समुदाय के प्रवक्ता आमिर महमूद ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि 100-200 लोगों की भीड़ ने 47 वर्षीय कार वर्कशॉप के मालिक पर हमला किया। उन लोगों ने उसे ईंटों और डंडों से पीट-पीटकर मार डाला।
कराची के सद्दार क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद सफदर ने मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बाद में भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया, जिससे इमारत के अंदर फंसे 15 लोगों को बचाया गया। महमूद ने कहा, ’30 लोग अंदर फंसे हुए थे जो अब सुरक्षित हैं।’ मालूम हो कि पाकिस्तान में अहमदिया अल्पसंख्यक समूह हैं, जिन्हें कुछ रूढ़िवादी मुसलमान विधर्मी मानते हैं। पाकिस्तानी कानून उन्हें स्वयं को मुस्लिम कहने या इस्लामी प्रतीकों का उपयोग करने से रोकता है। उन्हें हिंसा, भेदभाव और सामान्य चुनावों में मतदान करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता रहा है।
5,000 से अधिक अफगान शरणार्थियों को निकाला
दूसरी ओर, पाकिस्तान ने एक ही दिन में 5,000 से अधिक अफगान शरणार्थियों को देश से निकाल दिया। स्थानीय मीडिया टोलोन्यूज ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इसमें कहा गया कि शरणार्थी गुरुवार को पाकिस्तान से तोरखम और स्पिन बोल्डक क्रॉसिंग पॉइंट के जरिए अफगानिस्तान लौटे। साथ ही कहा गया कि लौटने वालों को आवश्यक सहायता दी गई है। पिछले दो हफ्तों में लगभग 600,000 अफगान शरणार्थियों, को पाकिस्तान से निकाला गया है। इनमें से अधिकांश प्रवासी हैं। इस बीच, अफगान अधिकारी पूर्वी अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में हाल ही में लौटे शरणार्थियों के लिए आश्रय स्थल बना रहे हैं। अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार बार-बार अफगान शरणार्थियों से विदेशों में शरणार्थी के रूप में रहना बंद करने और अपने युद्धग्रस्त मातृभूमि के पुनर्निर्माण में योगदान देने के लिए घर लौटने का आह्वान कर रही है।
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